कोविड 19 में फिजियोथेरापी की भुमिका
बिहार राज्य के गया जिला अन्तर्गत टेकारी अनुमंडल में बनाए गए कोरोना आवासन गृह में संदिग्ध कोरोना आवसितों को फिजियोथेरापी और योग के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाया जा रहा है।
इस विकराल कोरोना महामारी में फिजियोथेरापी और योगा इसके रोकथाम और ईलाज में बहुत मायने रखता है। इसे देखते हुए सरकार को चाहिए कि फिजियोथेरापिस्टों को उनका उचित प्रोत्साहन और अच्छी संख्या में पदस्थापना प्रखंडस्तर तक करे जिससे आने वाले दिनों में हम आम जनता तक अपनी पहुँच बना उन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा पाए।आज कोविड के मरीजों को आईसीयु से लेकर वार्ड तक उनके श्वसन तंत्र को मजबुत बनाने के लिए चेस्ट फिजियोथेरापी अहम मददगार हो रही है, कोविड में फिजियोथेरापी की भुमिका विषय पर हमारे कई बड़े बड़े फिजियोथेरापिस्टों ने आॅनलाईन कार्यशाला के माध्यम से फिजियोथेरापिस्टों को गुर सिखाए जो कोविड के मरीजो को बीमारी के दौरान और उसके ठीक होने के उपरांत उनके श्वसन प्रक् को मजबुत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करती है।
इसी कड़ी में विश्व फिजियोथेरापी दिवस के अवसर पर आँल इण्डिया आयुर्विज्ञान संस्थान,दिल्ली के प्रसिद्ध फिजियोथेरापिस्ट डा,प्रभात रंजन की कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें फिजियोथेरापिस्टों ने कोविड के मरीजों के उपर फिजियोथेरापी के माध्यम से उनके बीमारी का निदान और इस महामारी के बीच फिजियोथेरापी के द्वारा श्वसन तत्र को भजबुत बनाने के बारे में ज्ञानवर्धन किया गया।फिजियोथेरापी इस कोविड महामारी के बीच बेहतर काम कर रही है जो मरीजो को पुनः पुनर्जीवन प्रदान कर रही है
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