अलाॅईड हेल्थ कौंसिल बिल तथा बिहार कौंसिल जो निर्माणाधीन है उसपर एक पड़ताल :-

कल राज्य सभा से नेशनल अॅलाईड हेल्थ कौंसिल का बिल पास हो गया बिल में कई बातें फिजियोथेरापी संवर्ग के लिए अच्छी है
1. यह कानूनी रूप से हमें फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में मान्यता देगा
2. अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप फिजियोथैरेपी संवर्ग को मापदंड प्रदान किए जाएगें
3. भौतिक चिकित्सकों को भौतिक चिकित्सा के माध्यम से चिकित्सा प्रदान करने का स्वतंत्र दायरा देगा।
4. विधेयक संस्थानों, भौतिक चिकित्सक पेशेवरों के मूल्यांकन और शिक्षा के मानकों के विनियमन और रखरखाव के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है, एक केंद्रीय निबंधन तथा राज्य निबंथन  का प्रावधान होता है जो रखरखाव और पहुँच, अनुसंधान और विकास और नवीनतम वैज्ञानिक उन्नति को अपनाने के लिए एक प्रणाली का निर्माण करेगा
        इस तरह के प्रावधान हमारे संवर्ग के विकास के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, जैसा कि शुरू में जो मसौदा इस बिल का तैयार किया गया था उसमें स्वतंत्र रुप से प्रैक्टिस करने का अधिकार के जगह पर ये था अंडर मेडिकली गाईडेड जिसपर हमारे बिहार आईएपी प्रेसीडेन्ट डा. नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर ने विरोध किया और इसमें सुधार तथा अन्य कई चीजों की मांग करी इस संबंध में वो लगातार केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जी से मिलते रहें बिहार से इन्होंने मंत्री जी के माध्यम से तथा केन्द्रीय स्तर पर केन्द्रीय सचिवालय मेंं डा.प्रभात रंजन सर तथा मोहन्ती सर अपने तरीके से इस मामले में हस्तक्षेप करते रहें।जब भी केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जी का बिहार में कोई कार्यक्रम होता डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर उनसे जाकर मिलते और उन्हे फिजियोथेरापी संवर्ग के लिए उनके द्धारा किए गए वादों को याद दिलाते, डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा, डा.उमाशंकर मोहन्ती सर और डा.प्रभात रंजन सर के बीच समन्वय के बीच हमें ये अलाईड हेल्थ कौंसिल बिल में अच्छी पहचान मिली।
     मुझे याद है पिछले वर्ष डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर के आग्रह पर जब केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जी का विश्व फिजियोथेरापी दिवस के अवसर पर मुख्य आतिथी के तौर पर आए थे तो मंच पर ही से उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिवालय मे दुरभाष के माध्यम से मंत्री महोदय ने बिल में हमारे लिए समाहित इन बातों के संबंध में सचिव से बात कर पुछा या कि इन्हे उचित जगह दिया गया है या नहीं उधर से जबाब भी संतोष जनक मंत्री महोदय को आया था उसी समय उन्होंने डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर को कहा था नरेन्द्र बाबु आपका जो मांग था हमने पुरा कर दिया।माननीय मंत्री जी के द्वारा फिजियोथेरापी के लिए किया गया ये कार्य अतुलनीय  है।आज जब कौंसिल राज्य सभा से पारित हो गया बधाईयों का तांता लोग एक दुसरे को दे रहें है, इसके पीछे किनका हाथ रहा ये लोग भुल गए।
       आज तीन दिनों से वो अस्पताल में है जिनके माध्यम से हमें ये उपलब्धि हासिल हुई, उन्हें माईनर हार्ट अटैक आया था जिसके कारण वो आज अस्पताल में है।इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है जिस तरीके से तथाकथित कुछ लोगों ने उनके द्धारा संवर्ग के लिए आज सेवानिवृत्ति होने के बाद भी कार्य किया जा रहा है उसके बावजूद उनकी उपेक्षा कि जा रही है इसका कही ना कही उनको ठेस पहुँचा है।एक वाकया कुछ दिन पहले का है विश्व फिजियोथेरापी दिवस के अवसर पर आईएपी की तरफ से एक बेबनियर किया गया जिसमें उनके विडियो और आवाज को म्युट रखा गया उस रात मैंने उनसे बात करी बहुत ही असहज तरीके से बात कर रहे थे आज जिस इंसान ने अपनी पुरी जिन्दगी संगठन और संवर्गकर्मियों के बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया वैसे भगवान के साथ इस तरह का वर्ताव और इस तरह की बातें होती है तो कोई भी इंसान अंदर से टुट जाएगा।
          आज बिहार में भी कौंसिल का निर्माण अंतिम चरण में है कोई ऐसा सप्ताह नहीं होगा जिसमें डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर सचिवालय में विभाग में नजर नहीं आते होगे उनको अब क्या जरुरत थी इससे,वो तो सेवानिवृत्ति हो चुके थे उनके तीनों पुत्र अच्छे जगहों पर पदस्थापित है फिर क्यों उनका समर्पण है हमारे बेहतरी के लिए आज जब बिहार कौंसिल की बात होती है तो तथाकथित कुछ लोग अपना नाम गिनवाते है उनके किए जा रहे कार्यों की उपेक्षा करी जाती है ,आज संवर्ग को डा.नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर जैसे लोगों की जरुरत है उनके शीध्र स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामना हम सभी संवर्ग कर्मी करते हैं।अतिशीघ्र वो स्वस्थय होकर वापस घर आए। 
         

Comments

Popular posts from this blog

पोस्ट कोविड चेस्ट फिजियोथेरेपी की ये सिंपल एक्सरसाइज जो आप किसी बेहतर फिजियोथेरापिस्ट की सलाह में कर सकते हैं

बिहार में फिजियोथेरापी और आॅकुपेशनलथेरापी की पीएचसी तक नियुक्ति और परिषद के निमार्ण की धोषणा के चार साल बाद तक कोई काम नहीं हुआ

लगन और मेहनत रंग लाती है।