झांरखण्ड फिजियोथेरापी कौंसिल का बिल विधान सभा से पारित

आज के दिन झांरखण्ड जो 2000 में बिहार से अलग होकर राज्य बना अपने संवर्ग के सफर में बेहतर मापदंड को अपनाते हुए राज्यस्तरीय कौंसिल का निर्माण कर उन राज्यों के लिए मार्गदर्शक बन गया है जहां अभी फिजियोथेरापी कौंसिल का निर्माण नहीं हो पाया है।
      इस कौंसिल निर्माण में झारखंड के फिजियोथेरापिस्टों का सामुहिक योगदान है जो डाक्टर अजित कुमार सर के कुशल नेत्तृत्व में संभव हो पाया है,राज्य सरकार की इच्छाशक्ति और फिजियोथेरापी सेवा के प्रति माननीय पुर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सरकार का अहम योगदान रहा है, जैसा कि कौंसिल निर्माण की प्रक्रिया 2014 से ही आरंभ हुई थी उस समय की सरकार के द्वारा मंत्री परिषद से अनुमोदन के पश्चचात राज्य के विधान सभा के पटल पर बिल को पास कराना था मगर तत्कालिक राज्य के विधानसभा चुनाव के कारण ये मामला विधानसभा में नहीं पहुँच पाया। झारखंड में फिजियोथेरापी के नेशनल कान्फ्रेंस के दौरान माननीय हेमंत सोरेन ने अपने दिए गए वायदों में अपने राज्य में फिजियोथेरापी संवर्ग की प्रगति और इसके कार्यों को पुरा करने के लिया दिया गया वादा अपनी सरकार में निभाया इसी वर्ष मार्घ महिने में डाक्टर अजित कुमार सर इनके साथ डा. राजीव रंजन,डा रजनीश बरियार,डा.गौतम लाल,डा.दिनेश ठाकुर तथा डा.धीरेन्द्र पाण्डेय जी के अथक प्रयासों से पुनः राज्य की कैबिनेट में इस बिल को नई सरकार के द्वारा पारित करवाया गया,विधानसभा के मार्च महीने के दौरान घलने वाले सत्र में ही इस बिल पर मुहर लगनेवाली थी मगर कोविड 19 के कारण हुए लाॅकडाउन में विधानसभा का सत्र नह मार्च में नहीं हो पाया मगर सितम्बर के विधान सभा सत्र में इसे हेमंत सरकार ने पारित कर झारखंड में फिजियोथेरापी की कौंसिल बना एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
   ये उन राज्यों के लिए एक प्रेरणा भी है जो आज तक अपने यहाॅ इस संवर्ग की प्रगति  की दिशा में कोई ऐसा प्रभावी कदम नहीं उठा पाए है।और हमारे बिहार राज्य के मुख्यमंत्री जो विकासपुरुष होने का दावा करते है उनके लिए ये झारखंड जैसे नवगठित राज्य के द्वारा फिजियोथेरापी संवर्ग के कौंसिल का निर्माण कर देना एक सबक है।झारखंड फिजियोथेरापी कौंसिल का बिल विधान सभा से पारित हो गया है अब राज्यपाल के अनुमोदन के बाद ये राज्य के गजट में शामिल हो जाएगा उसके उपरांत समस्त झारखंड में फिजियोथेरापी संवर्ग का नियम लागू हो जाएगा जिससे संवर्ग के प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।
     अन्ततः धन्यवाद डा.अजित कुमार सर के सफल नेत्तृत्व का जिनके माध्यम से झांरखण्ड सरकार के द्वारा हमारे संवर्ग को एक उचित सम्मान प्राप्त हुआ।

       सूत्र :डा.अजित कुमार सर से बातचीत के आधार पर।

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