एक पड़ताल
ये खबर 2015 के दैनिक समाचार पत्र का है, हमारे हिन्दुस्तान में बस 5हजार ही फिजियोथेरापिस्ट होने की बात करता है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन इसकी उपलब्धता को 1लाख होना बता रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति 10हजार व्यक्ति पर एक फिजियोथेरापिस्ट की आवश्यकता है मगर ये सोचने वाली बात है कि हमारे देश की सबसे बड़ी संस्था जो IAP है, उसके मौजूदा सदस्यों की संख्या 55हजार है, मगर इस दैनिक समाचार पत्र का जो रिपोर्ट है उसमें मात्र 5हजार बताया जा रहा है।
तो क्या ये इतना बडा रिपोर्ट बिना किसी पड़ताल के जारी किया गया है या फिर हमारा जो संगठन है IAP उसका सरकार के तंत्र में कोई मतलब नही है, जब की IAP विश्व भौतिक चिकित्सा संगठन का हिस्सा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इतना बडा रिपोर्ट बिना पड़ताल के जारी कर दिया। इसके पीछे बहुत सारे सवाल पैदा होते है कि या तो ये विश्व स्वास्थ्य संगठन का तैयार किया गया रिपोर्ट फर्जी है या फिर आईएपी के सदस्यों की सही जानकारी इस संगठन को नही दी गई।
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