भौतिक चिकित्सकों और व्यवसायिक चिकित्सकों के संगठनों का संवर्ग कर्मियों के प्रति रवैया।

आज का सबसे बड़ा मुद्दा है भौतिक चिकित्सा और  व्यावसायिक चिकित्सा के विभिन्न संगठनों द्धारा कार्यशालाओं के माध्यम से अपने संवर्ग के लोगों से मोटी रकम वसुली जाती है ,किसी भी संगठन का निर्माण या संघ के निर्माण के दौरान एक नियमावली तैयार की जाती है जिसमें यह दर्शाया जाता है कि हम इस संगठन के माध्यम से अपने सदस्यों अपने समाज के हर वर्ग का ज्ञानवर्धन के लिए प्रचार प्रसार के लिए कार्य करेगें।इस में सहयोग के तौर पर मामुली रकम जो सहयोग राशि होती है लेने का प्रावधान होता है।
    मगर आज हमारे भौतिक चिकित्सक तथा व्यावसायिक चिकित्सक के संगठन अपने कार्यक्रमों के माध्यम से मोटी रकम अपने सदस्यों तथा सहभागिता करने वालों लोगों से वसुलते है,जो कि गलत है किसी भी संगठन के निर्माण उसके सुचारु रुप से संचालन में उसके सदस्यों का अहम योगदान रहता है सदस्यता शुल्क के तौर पर आजीवन सदस्य रहने के लिए शुल्क के तौर पर जब एक बार मोटी रकम उन सदस्यों से वसुली जाती है और सहायता के नाम पर संगठन के तरफ से किसी तरह की सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई जाती आज कोरोना काल में हमारे कई ऐसे भौतिक चिकित्सक तथा व्यावसायिक चिकित्सक है जिनकी रोजी रोटी लाॅकडाउन के दौरान छिन गई उनके आजीविका का साधन खत्म हो गया मगर इस तरह के संगठनों ने किसी तरह की सहायता या राहत उपलब्ध कराने का जोखिम नहीं उठाया बस सोसल मीडिया और कागजों पर कई तरह के कमिटी और कार्यवाही को निष्पादित किया।जबकि आज जरुरत थी संगठनों को अपने माध्यम या अपने संगठन के माध्यम से सरकारों से ऐसे संवर्ग कर्मियों के हित में राहत पैकेज प्रदान करने की जो नहीं हो सका आज जब हम अन्य संगठनों को देखते हैं तो उनके माँगै को देखते हुए सरकार ने राहत पैकेज का एलान किया मगर हमारे संगठनों ने माँग तक नहीं की जो चिन्तनीय है।
   एक और बार आज कई भोतिक चिकित्सा तथा व्यावसायिक चिकित्सा के क्षेत्र के लोगों की मौत कोरान महामारी के दौरान कार्य करने या उससे ग्रसित होने के दौरान हुई हमारे संगठनों ने चुनाव के दौरान सदस्यों के लिए एक घोषणा पत्र तैयार किया था जिसमें सभी सदस्यों की बीमा और चिकित्सकीय बीमा का प्रावधान की बात करी थी आज तक उस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई,आज हमारे सदस्यों की मौत पर एक संवेदना संदेश तक संगठनों के प्नरमुख के माध्यम से हीं आता है ऐसे हमारे भौतिक चिकित्सा और व्यावसायिक चिकित्सा के संगठन है, सदस्यों के द्वारा प्रदान की गई सदस्यता शुल्क के एवज में बस उन्हें एक रजिस्टेशन नम्बर प्रदान किया जाता है सुविधाओं के नाम पर जो उनके क्लिनीक के आगे बोर्ड पर लिखने के सिवाय और कुछ नहीं है, सदस्यों के साथ शासन, प्रशासन या अन्य किसी के प्रताड़ित करने के दौरान संगठन आवाज भी नहीं उठाती सरकार के द्वारा संवर्ग के लिए गलत नीति निर्धारण को रोकने के लिए एक पत्र तक संगठन अपने माध्यम से नहीं लिखती बस इनको सदस्यता शुल्क और अपने कार्यक्रमों से मतलब है जहाँ ये भौतिक चिकित्सा व्यावासयिक चिकित्सा की पढाई कर रहे छात्रों के माध्यम तथा इनके सदस्यों के माध्यम से मोटी रकम की बसुली हो सके।आज हमारे राष्ट्रीयस्तर पर स्वतंत्रत कौंसिल के निर्माण की बात पिछले दो दशकों से चल रही है मगर आज तक स्वतंत्र कौंसिल नहीं बन पाया मिला भी तो मिला जुला परिषद् जिसमे हम शामिल तो है एलाईड हेल्थ के नाम पर संगठनों का ये दो दशक का प्रयास है जो एलाईड हेल्थ कौंसिल के नाम पर हमें मिलने वाला है कहाँ हम ने स्वतंत्र परिषद् की बात की थी।
      आज जरुरत है संवर्ग के लिए बने इन संगठनो के रवैये को बदलने की आज ऊनके कार्य करने की प्रणाली को बदलने की नहीं तो ऐसे संगठन बस इतिहास बन कर रह जाएँगे।
                     धन्यवाद  

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  1. सपनों को साकार करने के लिए सड़क सड़क के माध्यम से संगठित होकर संवर्ग समस्याओं की आवाज उठाने पर ही समाधान मिलेगा

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