NHM कार्यक्रम के तहत फिजियोथेरापिस्टों के विभिन्न कार्यक्रमों में पदों पर चयनित फिजियोथेरापिस्टों को उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएँ
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत NPHCE, NLEP, NPCDS,RBSK(DEIC) कार्यक्रम के तहत बिहार के विभिन्न जिलों में फिजियोथेरापिस्ट के पद पर चयनित फिजियोथेरापिस्टों को उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
आपलोगों की बहुत सारे फोन एन एच एम के बारे पूछताछ और इन कार्यक्रमों से संबंधित आ रहे थे, जिसका थोड़ा सा अपने अनुभव के अनुसार समाधान करने का प्रयास करता हूँ, आपका National Programme for Health Care of the Elderly (NPHCE) का बिहार का रिजनल सेन्टर पटना मैडिकल कालेज में है और प्रत्येक जिले में इसका डिस्ट्रीक सेन्टर हैं जो सीएचसी स्तर तक काम करेगा जिसमें कुल 38 पद जिलास्तर पर सृजित है जिसमें 4 पद फिजियोथेरापिस्ट का केन्द्र सरकार के द्वारा इस कार्यक्रम के तहत सृजित किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बुजुर्गों के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निदान करना और उनका पुनर्वास करना है।
हमारा दुसरा कार्यक्रम हैं NLEP जो कुष्ठ के कार्यक्रम से संबंधित है जिसमें पीएचसी स्तर से आशा और एमएनएम के माध्यम से संभावित रोगियों को एक टीम वर्क के द्वारा जिला अस्पताल या जिला NLEP केन्द्रों तक पहुँचाया जाएगा और वहाँ वैसे मरीजों का इलाज और पुनर्वास किया जाएगा, इसमें मैडिकल आफिसर, सोशल वर्कर, एएनएम,और मल्टी हेल्थ वर्कर की टीम होगी।
NPCDSNational Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes,Cardiovascular Diseases and Stroke इस कार्यक्रम के तहत जिला अस्पतालों में इसका केन्द्र होता है इस कार्यक्रम के तहत सीएचसी स्तर से लेकर पीएचसी तक के मरीजों को आशा और एएनएम की टीम के द्वारा जाँच और उनके बीमारी के बारे में जानकारी लेकर जिला स्तर पर बने केन्द्र को भेजा जाता है जहाँ हमारा काम इस तरह के मरीजों के पुनर्वास से जुड़ा होता है, इसमें मैडिकल आफिसर, मल्टी लेवल हेल्थ वर्कर,साइकोलाजिस्ट तथा अन्य कई कर्मी हमारी टीम में होते है।
चौथा कार्यक्रम है आरबीएसके डीईआईसी जिसमें पीएचसी स्तर से लेकर सीएचसी स्तर तक के 0 से 18उम्र के बच्चों की जाँच कर उसे डीईआईसी जो अभी प्रमण्डल स्तर तक ही काम कर रहा है वहाँ भेजा जाता है जहाँ पेड्रियाटिक्रस, डेन्टल, फिजियोथेरापिस्ट,आॅडियोलाँजिस्ट ,स्पीचथेरापिस्ट साईकोलाँजिस्ट, सोशल वर्कर, लैब टेक्निशियन, और अन्य कुल 13 पद होते हैं जहाँ हमलोगों का काम बच्चों के पुनर्वास से संबंधित है। अभी तक के चारों कार्यक्रमों में सब जिलास्तर पर ही इसके केन्द्र है जिसमें डीईआईसी का सभी 9 प्रमण्डल में अपना भवन है जबकि अन्य जिला अस्पताल के भवन में ही लगभग जगहों पर संचालित हो रहा है।
सौजन्य एन एच एम गाईडलाईन
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