NHM के तहत बिहार में नवचयनित फिजियोथेरापिस्ट मित्रों के मानदेय के सबंध में जानकारी
जैसा कि अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत NPHCE, NPCD, NLEP, फिजियोथेरापिस्टो का योगदान कराया गया इस के संबंध में दो तीन दिनों से लगातार कई लोगों के फोन मुझे आ रहे हैं इसकी जानकारी के संबंध में जो नवचयनित अभ्यर्थी है, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि बिहार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित इन कार्यक्रमों में फिजियोथेरापिस्ट का अलग अलग स्तर पर केन्द्र के द्वारा राशि का प्रावधान उनके मानदेय के तौर पर हरेक वर्ष किया जाता रहा था जो इस वित्तीय वर्ष में भी उसी तरह का बिहार के लिए था, मगर राज्य स्वास्थ्य समिति ने सब के लिए एक नियत मानदेय पर विज्ञापन निकाला जिसमें सारे कार्यक्रमों के लिए एक समान है।
अब आगे आने वाले दिनों के लिए आपकी आंशंकाओं को दुर करने का मैं अपनी तरफ से प्रयास करता हूँ, जैसा कि एन एच एम के तहत कार्यरत कर्मियों को हरेक वर्ष 5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि मिलती है उसके उपरांत 3 वर्ष पर 10प्रतिशत अतिरिक्त तथा 5वर्ष पर 15प्रतिशत बोनस के तौर पर अतिरिक्त वृद्धि मिलता आया है। इस कोविड के कारण जिनका 3वर्ष या 5वर्ष मार्च के बाद पुरा हुआ था वो उनको अभी तक 10और 15 प्रतिशत का लाभ नही मिल पाया मगर आने वाले दिनों में वो उन्हें मिल जाएगा। दूसरी बात एक वर्ष संविदा को एकरारनाम के बाद ये सारे एन एच एम के पद 60वर्ष और स्वास्थ्य के आधार पर 65 लिए होगे जो चौधरी कमिटी और राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रस्ताव में संकलित है।
अब मैं आपको राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पिछले महीने हुए हड़ताल से आने वाले दिनों में कर्मियों को कुछ और सुविधाएं प्राप्त हो सकती है जिसमें प्रमुखता से HR पाॅलिशी,Group इन्शोयोरेन्स,और राज्यांश मद से 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि संभव है। अभी जैसा कि आपलोगों को मालुम होगा एन एच एम के तहत कार्यरत आयुष चिकित्सक जिनका मानदेय 23 हजार रुपए मात्र थे उन्होंने संगठित होकर प्रयास किया और आज उन्हें मैडिकल आफिसर के मानदेय के बराबर मानदेय राज्य स्वास्थ्य समिति प्रदान कर रही हैं।
यदि आज हम फिजियोथेरापिस्ट (नवचयनित) मिलकर इस समान कार्य समान वेतन के मुद्दे पर आगे भविष्य में सरकार से माँग करे तो मुझे आशा ही नहीं पुर्ण विश्वास है कि हमारी बात सुनी जाएगी आप नवचयनित फिजियोथेरापिस्ट मित्रों के आ जाने से इस कार्यक्रम में हमारी संख्या अच्छी हो जाएगी और हम संगठित होकर बेहतर भविष्य की सोच सकते हैं।
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