बिहार में फिजियोथेरापी आॅकुपेशनलथेरापी संवर्ग के उत्थान के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधानसचिव के साथ विमर्श।

विगत 6 अक्टूबर को बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ  बिहार में  कार्यरत  फिजियोथेरापिस्टों  तथा आॅकुपेशनलथेरापिस्टों का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य में इस संवर्ग की बेहतरी के मिला,इस दौरान विभिन्न  मुद्दों पर प्रधान सचिव के साथ विमर्श  रखा गया।
   इस दौरान  प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के  फिजियोथेरापी आॅकुपेशनलथेरापी संवर्ग के वेतनमान में  सुधार की बात को प्रमुखता से रखा तथा नियमावली के मुताबिक उनके कैडर का निर्धारण और वेतनमान की चर्चा करी साथ ही साथ राज्य में तकनीकी सेवा आयोग से फिजियोथेरापी आॅकुपेशनलथेरापी की आई नियमित बहाली में उम्र सीमा में अन्य संवर्गो की तरह सामान्य उम्र सीमा में छुट का प्रावधान  करने की बात करी जैसा कोर्ट के तत्कालीन आदेश जिसमें  सिर्फ कोर्ट में इस संवर्ग के आवेदक को सिर्फ छुट का प्रावधान  की बात की गई है, इस पर प्रधान सचिव ने उचित प्रावधान  देने की बात करी,हमारे प्रतिनिधि मंडल ने राज्य में  संचालित एकमात्र  सरकारी  संस्थान जो फिजियोथेरापी आॅकुपेशनलथेरापी की  पढ़ाई के लिए है उसके कार्यरत प्रोफेसरों को उनके वेतनमान पुनरीक्षण तथा उनके पदोन्नति की बात भी प्रधान सचिव के पास  रखी गई। 
एक और अहम बात जिसे प्रतिनिधि मंडल को प्रधान सचिव के पास रखना चाहिए था उसपर चर्चा नहीं होना क्षेम का परिचायक है राज्य में फिजियोथेरापिस्ट आॅकुपेशनलथेरापिस्ट की नियुक्ति की बात प्राथमिक  स्वास्थ्य  केन्द्र तक करने की बात तत्कालिक मुख्यमंत्री के द्वारा विश्व फिजियोथेरापी दिवस के कार्यक्रम के दौरान  प्रमुखता से  की गई थी, इस पर प्रतिनिधि मंडल  को प्रमुखता से मांग रखनी चाहिए थी जो उनके द्वारा नहीं  किया गया। आज यदि पीएचसी स्तर तक संवर्ग के पदों का सृजन कर दिया जाता है  तो काफी हद तक इस क्षेत्र के  लोगों को सरकारी नौकरी  मिल पाएगा। 
        आज एक और बात कुछ हमारे साथियों  के द्वारा  उठाया जा रहा है जो तत्तसंगत नहीं है वो लोग अपने निजी हित के लिए  सिर्फ संविदागत कार्यरत लोगों के लिए  उम्र सीमा में छुट की मांग राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग तथा कोर्ट  से कर रहे है जो उचित नहीं  है।यदि ऐसा होता है तो ऐसी परिस्थिति  में  हमारा ये तकनीकी सेवा आयोग का मामला कोर्ट में लंबा खिच सकता है। 
     इसलिए  आप सभी साथियों  से आग्रह है कोर्ट से सामान्य उम्र सीमा में छुट की बात या राज्य सरकार से भी सामान्य  उम्र सीमा में छुट की ही माँग करें तो बेहतर होगा अन्यथा इसके भुक्तभोगी हम सभी होगें। 

Comments

  1. Good effort sir.we shall overcome ....one
    day...

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  2. Bat sahi hai....age relaxation particular nai hona chahiye....pure pt&ot fertility ke liye ho

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  3. Bat sahi hai....age relaxation particular nai hona chahiye....pure pt&ot fertility ke liye ho

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  4. मगर कुछ लोगों को तो बस अपनी मूर्खता के लिए तैयार है

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