नेशनल कमीशन फाॅर अॅलाईड एण्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल बिल 2020 में फिजियोथेरापिस्टों को मिले अधिकार
28मार्च2021फिजियोथेरापी के इतिहास में एक अहम् दिन साबित हुआ जब भारत गणराज्य के दोनों सदनों से नेशनल कमीशन फाॅर अलाईड एण्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल बिल 2020 सर्व सन्मति से पास होकर राष्ट्रपति के कानून बनकर अमल में लाया गया। इस प्रोफेशनल बिल में वैसे तो 56 कैटेगरी आती हैं, जिनके प्रोफेशनल एजुकेशन स्टैंडर्ड में सुधार होगा,अलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स का पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग शुरू हो जाएगा, जैसे की अन्य का हेाता है प्रैक्टिस और क्वालिटी ऑफ सर्विस सुधरेगी.
कानून आने से देशभर में खुले हजारों मेडिकल इंस्टीट्यूट कंट्रोल में होंगे,ताकि उनमें आवश्यकत स्टैंडर्ड का पालन किया जा सके.
इस बिल में अहम और खास हमारे फिजियोथेरापी संवर्ग के लिए ये होगा कि जिस स्वतंत्र परीक्षण, उपचार और सलाह प्रदान करने की मांग हमारा संवर्ग पिछले कई दशकों से कर रहा था वो सब इस बिल के माध्यम से हमें मिल रहा है, आज कई दशकों की मांग जो इस संवर्ग की रही है आज इस बिल के माध्यम से हमें मिल रहा है,इसके लिए पिछले कई दशकों से हमारे संवर्ग के लोगों ने धरना प्रदर्शन तथा लोगों के बीच जा जाकर अपने संवर्ग के बारे में बताने का काम किया और फिजियोथेरापी के बारे में आम जनों के बीच अपनी उपलब्धता जाहिर करी, इस अहम कड़ी में हमारे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय डा. हर्षवर्धन से लेकर माननीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने फिजियोथेरापी की महत्ता को समझा विशेष रूप से आभार रहेगा फिजियोथेरापी संवर्ग माननीय केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे जी का जिहोंने फिजियोथिरैपी की महत्ता को विशेष रुप से समझा और बिल के अंदर विभिन्न सूधारों के माध्यम से हमें इस बिल में समुचित अधिकार प्रदान करने का अवसर प्रदान किया, इसमें हमारे बिहार के डा. नरेन्द्र कुमार सिन्हा सर के दृढ़निश्चयी परिणाम का फल है जिसके उपरांत ये मुकाम हमें हासिल हुआ, इस मुकाम को हासिल करने के लिए डा. उमाशंकर मोहंती से लेकर डा. प्रभात रंजन और केन्द्रीय स्तर पर फिजियोथेरापी के राष्टीयसंगठन में कार्यरत कईलोगों ने अहम भूमिका निभाई।
आज सभी फिजियोथिरैपी संवर्ग में कार्यरत लोगों ने अपने इस मुकाम को पाने के लिए अपने तरीके से मेहनत कर इस संवर्ग को अपना अधिकार दिलवाना का प्रयास किया।
NCAHP, 2021 अधिनियम के अनुसार” फिजियोथेरेपी पेशेवर वह व्यक्ति है जो व्यापक जाँच और उपयुक्त जाँच करके फिजियोथैरेपी का अभ्यास करता है,फिजियोथेरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से या एक बहु-अनुशासनात्मक टीम के एक भाग के रूप में अभ्यास कर सकता है और जो एक स्नातक डिग्री की न्यूनतम योग्यता रखता हो वर्तमान में फिजियोथेरेपी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा है। वर्तमान भारत में 306 कॉलेजों में स्नातक (B.P.T) की पढ़ाई की जाती है, जिसमें फिजियोथैरेपी कार्यक्रम 4 वर्ष6महीने और 186 कॉलेज शामिल हैं, जो 2 वर्ष की अवधि के साथ फिजियोथेरेपी (M.P.T) में मास्टर्स प्रदान करते हैं। हमारे देश में 28 कॉलेजों और 14 विश्वविद्यालयों में फिजियोथेरेपी की 4 साल की अवधि के पीएचडी कार्यक्रम की पेशकश की जाती है। पूरे भारत में 71,000 योग्य फिजियोथेरेपिस्ट अभ्यास कर रहे हैं और वर्तमान में भारत में 35,000 फिजियोथेरेपी छात्र हैं। परिषद समान पाठ्यक्रम और बेहतर शैक्षिक मानकों की सुविधा प्रदान करेगी ”
फिजियोथेरेपी एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली है, जिसमें में लगभग 4 लाख अनुसंधान लेख हैं और कई वैज्ञानिक दस्तावेज हैं जो जोड़ों, मांसपेशियों, स्नायुबंधन, मस्तिष्क स्ट्रोक, पार्किंसंस रोग, पीठ के विभिन्न रोगों में फिजियोथेरेपी उपचार की प्रभावकारिता साबित करते हैं। दर्द, गर्दन का दर्द, गठिया और खेल पेशेवर। इस परिषद के माध्यम से फिजियोथेरेपी में मानकीकरण और अनुसंधान की प्रदान करेगा
मगर अभी हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है हम आगे ये संघर्ष जारीरखेगें एकल स्वतंत्र कौंसिल के लिए और उम्मीद है भविष्य में हम सफल होगें।
विभिन्न सूत्रों से संकलित
"फिजियो मृत्युंजय"
Ek accha aur tathyapurn lekh. 👏
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteAlways fight for right...... Great achievement..... Best is on the way
ReplyDeleteBe professional now........
धन्यवाद
DeleteWell done Sir. Keep up the good work. We have to fight further. Miles to go...
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteVery nice quote...nice act by our super physio leader and all involved great man...
ReplyDeleteधन्यवाद रोचकता के साथ आलेख पढ़ने के लिए
DeleteThanku
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