सारांश से आगे....
अब जब हम बिहार आ ही गए तो अजित और मैं हम दोनों ने मिलकर राज्य स्वास्थ्य समिती के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के अनुमण्डलीय अस्पताल तक के पदों पर संविदागत नियुक्ति हेतु आए विज्ञापन के संबंध में समिती के चक्कर लगाने लगे उससमय समिती के एक्युटिव डायरेक्टर के पी रमैया हुआ करते थे,और एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर अशोक कुमार सिंह थे ,विज्ञापन के आलोक में पता चला कि मात्र 17पद ही सृजित थे जिसमें 11पद आकुपेशनलथेरापी और 6पद फिजियोथेरापी के राज्य सरकारी के द्धारा सृजित कर दिए गए थे बाकि अन्य पदों की सृजन की प्रक्रियाधीन था जो सचिवालय में लंबित था।
पुन: राज्य स्वास्थ्य समिती ने इस विज्ञापन को पुनर्विज्ञापित करवाया 2009में उसमें फिर से अभ्यर्थियों के द्वारा आवेदन मंगवाए गे,विज्ञापन में वर्णित मेधासुची का निर्माण अंतिम वर्ष के फिजियोथेरापी के प्रतिशत के आधार पर करने की प्रक्रिया राज्य स्वास्थ्य समिती ने शुरु कर दी,इसी दौरान सचिवालय और राज्य स्वास्थ्य समिती आने जाने के क्रम में हमारी नई टीम बनी जिसमें अजित,अरशद,शशि आनंद,देवव्रत,विक्रमादित्य जैसे अन्य साथियों का साथ मिला अब उस दौरान सबसे बड़ी समस्या मेधा सुची निर्माण में राज्य स्वास्थ्य समिती को ये आ रही थी कि किसी भी कालेज की फिजियोथेरापी की डिग्री को वो कैसे वैध जाने,इसी क्रम में हम सभी साथियों ने मिलकर एक संगठन का निर्माण किया जो बेरोजगार फिजियोथेरापी आकुपेशनलथेरापी के नाम से था उसकी संबद्धता करा उस में अपने साथ अन्य और कई साथियों को जोडा जिसमें मधुप,मनीष निरंजन और संतोष मिश्रा जैसे लोग जुड़े इस संगठन के बैनर तले हमलौगो ने उस समय के तत्कालिन प्रधान सचिव दीपक मिश्रा सर से लगातार संपर्क बनाए रखा और हरेक सप्ताह उनसे हम जाकर मिलते और अपने नियुक्ति के संबंध में मार्गदर्शन लेते रहे उनका विशेष समर्थन हमारे संवर्ग और संगठन को उनके कार्यकाल में रहा चाहे वो पदों के सृजन का मामला हो या नियुक्ति के संबंध में उचित कार्यवाही का उनके कार्यकाल के दौरान अनुमंडल स्तर पर आईपीएच स्टेन्डर्ड के अनुसार पदों के सृजन को अनुमोदित किया गया उन्होने अपने कार्यकाल में हमारे दिए आवेदन पर विचार कर हमारी मेधा सुची निर्माण हेतु हमारे विज्ञापन की फाईल और तमाम कागजात राज्य स्वास्थ्य समिती से स्वास्थ्य विभाग के सचिवालय के इस संवर्ग से संबंधित सेक्सन 11को मंगवाया और मेधा सुची में हमारे कुछ मित्रों के पत्र के आलोक में दो तरह की सुची तैयार करवाई एक बिहार के कालेज और दुसरी बिहार के बाहर के कालेजों की मेधा सुची.............
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