फिजियो आकुपेशनल की नियुक्ति

blogबिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के विज्ञापन के पर अस्थायी मेरिट लिस्ट के उपरांत अनापत्ति प्रमाण पत्र मंगवाने का वक़्त खत्म हो गया,अब अभ्यर्थियों के दिलों की घड़कन बढ़ सी गई है फाइनल मेरिट को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दोनों संकायों के मंगवाने के बाद अब उम्मीद है बहुत ही जल्दी मेरिट लिस्ट आयोग के द्वारा प्रकाशित कर दिया जाएगा।
      विज्ञापन के दौरान आयोग के द्वारा अनुभव के अंको को जोडा़ गया था वो संविदा या प्राईवेट सेक्टर का हो और उसी के आधार पर कौंसलिंग के लिए कट्स जारी कर अभ्यर्थियों को कौंसलिंग के लिए बुलाया गया,मगर अनापत्ति मंगवाने के दौरान प्राईवेट सेक्टर के अनुभव को हटा सिर्फ़ सरकारी संविदा वाले को अनुभव का अंक दिया गया,अन्य को अनुभव वाले अंक को शुन्य कर दिया गया,आयोग ने जब सबके अनुभव को जोड़ कर कौंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई उस दौरान कट्स काफी उपर गया मगर फाईनल मेरिट लिस्ट में अनुमन लगाया जा सकता है कि ये जो कट्स है नीचे आएगा।बिहार में तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा 26वर्षो बाद पहली नियमित नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के लिए इनदोनों संकायों के लिए आई है मुश्किलें तो आएगी मगर उम्मीद है उसका निपटारा भी हो जाएगा ,फरवरी के अंतिम सप्ताह में हम सभी आशा करतें है अंतिम मेधासुची को आयोग प्रकाशित कर देगा और नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढे़गी।
      बिहार सरकार ने अभी जो नियुक्ति हेतु सृजित पदों को दिया है वो राज्य सरकार के जिला अस्पताल से लेकर अनुमंडलीय अस्पतालों,मेडिकल कांलेज के रिक्त पदों एवम कुष्ट निवारण हेतु चल रहे बिहार सरकार के जिला कार्यालयों तक का ही है,बिहार सरकार ने फिजियोथेरापिस्ट एवम आंकुपेशनलथेरापिस्ट के पदों को प्राथमिकता देते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाने का फैसला लिया था जिसकी फाइल आज भी विभाग में घुल फांक रही है,यदि राज्य सरकार के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक इन पदों को सृजित कर दिया जाता है तो सुदुर गा्मीण क्षेत्र के लोगों को भी स्वास्थ्य की इस सुविधा का लाभ मिल पाएगा,और दोनों संकायों के बारे में आम जनमानस में बेहतर धारणा आएगी,आने वाले दिनों में हम सब को मिलकर इस पर काम करने की जरूरत होगी जिससे हमारे छुट रहे उन साथियों को इसका फायदा मिल पाए और नये लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त हो पाए।आज तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा आई इस विज्ञापन पर हाई कोर्ट का रुख कई अभ्यर्थियों के द्वारा किया गया इसके पीछे सबसे बड़ा कारण इतने वर्षो बाद आई नियमित नियुक्ति और उनकी हताशा है कि यदि इससे चुके तो पता नहीं फिर कब अगली नियमित नियुक्ति आएगी।
     यदि राज्य सरकार इस संकाय के रिक्त पदों पर नियमावली में वर्णित आदेश के अनुरूप प्रति वर्ष नियमित नियुक्ति रिक्त पदों पर निकालती तो ये हताशा उन अभ्यर्थियों के अंदर नही होती।

                        


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