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हीमोफीलिया के मरीजों के साथ फिजियोथेरापी और आॅकुपेशनलथेरापी महत्व

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हीमोफीलिया एक बहुत ही कम होने वाला जेनेटिक (माता-पिता से बच्चों में होने वाला) रोग है। इस बीमारी में चोट लगने पर खुन का थका नहीं जम पाता जिससे खून बहता ही रहता है। हीमोफीलिया होने के कारण खून में "क्लॉटिंग फैक्टर्स" की कमी हो जाती है।   हीमोफीलिया A  - इसमें क्लॉटिंग फैक्टर 8 की कमी होती है। यह हीमोफीलिया के 80 प्रतिशत मामलों का कारण होता है। हीमोफीलिया A से ग्रस्त 70 प्रतिशत लोगों में इसका गंभीर रूप ही पाया जाता है। हीमोफीलिया B  - इसको "क्रिसमस रोग" के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में मरीज़ में क्लॉटिंग फैक्टर 9 की कमी हो जाती है।  चिकित्सकों और चिकित्सकीय देखभाल से जुड़े लोग हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को सामान्य जीवन जीने में मदद करने में सहायक है जल्दी जांच, उपचार तक पहुंच और फिजियोथेरेपी की जरूरत इनसब में प्रमुख है। फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी और फिजियोथेरेपी के जरिये हीमोफीलिया के मरीज विशेषरूप से बच्चे खून से संबंधित इस जानलेवा बीमारी से लड़ सकते हैं।जानकारी की कमी और हीमोफीलिया का इलाज नहीं हो पाने के कारण जान जाने का खत...

बिग बाॅस फेम अर्शी खान फिजियोथेरापिस्ट के साथ साथ एक बेहतर अदाकारा

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बिग बॉस सीजन-11 में अपनी अदाओं और तड़ाका जैसा अवतार दिखाने वाली अब ग्लैमरस अंदाज से तहलका मचाने वाली भोपाल की मॉडल और एक्टे्रस अर्शी खान गूगल पर भी खूब चर्चा में बनी हुई है। आपाको बता दें कि सोशल मीडिया की लिस्ट दूसरे नंबर पर हैं जबकि इस लिस्ट में पहले स्थान पर सनी लियोनी हैं।अर्शी खान एक समय पर मॉडल नहीं बल्कि तब एक डॉक्टर बनना चाहती थी। शायद कई लोग इस बात से अनजान होंगे की अर्शी के पास फिजियोथेरापी की डिग्री भी हैं। अर्शी खान एक फिजियोथेरापिस्ट हैं। उसने कई लोगों की ट्रीटमेंट भी की हैं।अर्शी ने भोपाल के जिस मेयो कॉलेज में फिजियोथेरेपी की पढ़ाई की है। उनकी जन्म तिथि 29 जुलाई 1986 है।

कोरोना को हराकर डिस्चार्ज हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जिसमें फिजियोथेरापिस्ट की अहम भुमिका रही

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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह करीब26 दिनों बाद कोरोना संक्रमण को हराकर सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। डिस्चार्ज करते समय अस्पताल के स्टाफ ने उनपर फूल बरसाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। वहीं कल्याण सिंह ने भी समस्त स्टाफ को धन्यवाद दिया। दरअसल, 83 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कोरोना बीमारी से ग्रस्त होने के कारण गत 16 सितम्बर गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे। जिनके उपचार में कई वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम लगी हुई थी।        कल्याण सिंह के लिए नियुक्त चिकिसकों के पैनल द्वारा अस्पताल में 26 दिनों के गहन निगरानी एवं उपचार जिसे एंटी वाइरल ड्रग थिरैपी, चेस्ट फिजियोथेरेपी एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से किया गया।इनके ईलाज के दौराना फिजियोथेरापी की आहम भुमिका रही, जिसके परिणाम स्वरुप वे अब स्वस्थ हैं तथा उनकी कोरोना की रिपोर्ट भी निगेटिव आ गयी है और उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन भी अब ठीक है।

बिहार में संचालित राज्य सरकार के बुनियाद केन्द्रों के माध्यम से गाँव स्तर तक फिजियोथेरापी और पुनर्वास की व्यवस्था।

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समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार द्वारा विश्व बैंक संपोषित बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सु²ढीकरण परियोजना के तहत प्रत्येक  जिले के  अनुमंडल स्तर पर एक-एक बुनियाद केंद्र की स्थापना की गई है। जहां वृद्धजनों, दिव्यांगों, विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और उनकी सामाजिक देखभाल संबंधी समस्याओं पर कई तरह की सेवाएं प्रदान की जाती हैं।      बुनियाद संजीवनी सेवा मोबाइल थेरेपी बैंक के साथ तकनीकी कान से कम सुनने की समस्या श्रवण यंत्र की सुविधा आवास संबंधी विभिन्न तरह की जांच थेरेपी तथा समस्याओं की उचित देखभाल, आंखों की जांच के बाद परामर्श व मार्गदर्शन देने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 एवं बिहार माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली 2012 के बारे में भी आवश्यक मार्गदर्शन वृद्धजन दिव्यांगजन एवं विधवाओं के ज्ञान में मनोविवाद हेतु चलचित्र वृत्तचित्र घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों की व्यवस्था समूह चर्चा और अन्य समूह विधियों का आयोजन, समाचार पत्र पत्रिका और पुस्तकों की व्यवस्था दिव्यांग जनों के लिए उनके अनुरूप खेल...

विश्व गठिया दिवस 12अक्टुबर पर बिशेष जोड़ों को स्वस्थ्य और दर्द से बचने के लिए इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन।

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विश्व गठिया दिवस (World Arthritis Day 2020) हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है.ये दिन गठिया के उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. गठिया का अर्थ है सूजन या एक या अधिक जोड़ों की सूजन होना. गठिया का सबसे आम रूप ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) है. अन्य सामान्य रूपों में गठिया (gout) , संधिशोथ (rheumatoid) और ल्यूपस (lupus) शामिल हैं. गठिया उन सभी कामों को सिमित कर सकता है जो चलकर किये जाते हैं.चलना, साइकिल चलाना और तैरना गठिया के दर्द को कम करता है और कार्य, मनोदशा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है. लोग अपने वजन को नियंत्रित करके घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के जोखिम को कम कर सकते हैं.     विश्व गठिया दिवस (World Arthritis Day 2020) हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है.ये दिन गठिया के उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. गठिया का अर्थ है सूजन या एक या अधिक जोड़ों की सूजन होना. गठिया का सबसे आम रूप ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) है. अन्य सामान्य रूपों में गठिया (gout) , संधिशोथ (rheumatoid) और ल्यूपस (lupus) शामिल हैं. गठिया उन ...

स्वास्थ्य मंत्रालय के टेलि मेडिसिन ई संजीवनी के तहत फिजियोथेरापी की ओपीडी की सेवा भी संचालित

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 स्वास्थ्य मंत्रालय की टेलीमेडिसिन पहल ई-संजीवनी रोगियों और डॉक्टरों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है। इसने बहुत कम समय में 5 लाख टेलीकंसल्टेशन पूरा किया है। अंतिम एक लाख परामर्श 17 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया। स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के डिजिटल साधन के तौर पर ई-संजीवनी धीरे-धीरे भारतीय स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी प्रणाली की एक समानांतर धारा के रूप में आकार ले रही है। पिछले कुछ दिनों में इस प्लेटफॉर्म पर दैनिक टेलीकंसल्टेशन की संख्या 8,000 के पार पहुंच गई। संजीवनी टेलिमेडिसिन को नवंबर 2019 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।       केरल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम- डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-संजीवनी ओपीडी के तहत 14 ओपीडी स्थापित कर रहा है। टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म पर इन 14 ओपीडी में से प्रत्येक में मनोवैज्ञानिक, स्पेशल एजुकेटर, स्‍पीच थेरेपिस्ट और एक फिजियोथेरेपिस्ट की एक टीम होती है जो बच्चों के विकास और उनके भविष्य के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को दूर कर स...

एक महिला फिजियोथेरापिस्ट की धुन जिसने विकलांग और बेसहारा कुत्तो के लिए अपनी नौकरी छोड़ उनकी देखभाल के लिए पोष फाऊन्डेशन बनाया।

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आपने लोगों को सोशल मीडिया पर जानवरों के हित में पोस्ट शेयर-लाइक करते हुए देखा होगा, लेकिन हकीकत में कम ही लोग ऐसा करते हैं। हाल ही में  दिल्ली से सटे गाजियाबाद की एक फिजियोथेरेपिस्ट, अदिति बादाम ने जानवरों की मदद के लिए अपनी नौकरी ही कुर्बान कर दी। अदिति ने विकलांग जानवरों के लिए नौकरी छोड़ दी, ताकि वो जानवरों की मदद कर सकें और उन्हें फिर से अपने पैरो पर चलाने में मदद कर सके। बता दें एक बार अदिति एक ऐसे कुत्ते के बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर गई थी, जिसे रीढ़ की हड्डी में दिक्कत थी, जहां डॉक्टर ने कहा था कि वो चल नहीं सकता। हालांकि अदिति ने डॉक्टर की ओर से दी हुई राय को नजरअंदाज करते हुए उस कुत्ते को घर ले लाईं और उसकी देखभाल शुरू कर दी। साथ ही अदिति ने इंसानों की रीढ़ की हड्डी में दिक्कत होने पर दी जाने वाली फिजियोथैरेपी के माध्यम से कुत्ते का इलाज शुरू कर दिया। इस दौरान जूली (कुत्ता) ने भी अदिति के साथ दिया और अच्छे से अपना इलाज करने दिया। अदिति ने द बेटर इंडिया को बताया कि उनके इलाज के 6 महीने बाद जूली अपने पावों पर चलने लगी और उन्हें पता चला कि जूली की रीढ़ की हड्डी टूटी नहीं थी,...