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फिजियो आकुपेशनल की नियुक्ति

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blog बिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के विज्ञापन के पर अस्थायी मेरिट लिस्ट के उपरांत अनापत्ति प्रमाण पत्र मंगवाने का वक़्त खत्म हो गया,अब अभ्यर्थियों के दिलों की घड़कन बढ़ सी गई है फाइनल मेरिट को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दोनों संकायों के मंगवाने के बाद अब उम्मीद है बहुत ही जल्दी मेरिट लिस्ट आयोग के द्वारा प्रकाशित कर दिया जाएगा।       विज्ञापन के दौरान आयोग के द्वारा अनुभव के अंको को जोडा़ गया था वो संविदा या प्राईवेट सेक्टर का हो और उसी के आधार पर कौंसलिंग के लिए कट्स जारी कर अभ्यर्थियों को कौंसलिंग के लिए बुलाया गया,मगर अनापत्ति मंगवाने के दौरान प्राईवेट सेक्टर के अनुभव को हटा सिर्फ़ सरकारी संविदा वाले को अनुभव का अंक दिया गया,अन्य को अनुभव वाले अंक को शुन्य कर दिया गया,आयोग ने जब सबके अनुभव को जोड़ कर कौंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई उस दौरान कट्स काफी उपर गया मगर फाईनल मेरिट लिस्ट में अनुमन लगाया जा सकता है कि ये जो कट्स है नीचे आएगा।बिहार में तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा 26वर्षो बाद पहली नियमित नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के लिए इनदोनों...

जिला अस्पतालों एवम सबजिला अस्पतालों में फिजियोथेरापिस्ट एवम आंकुपेशनलथेरापिस्ट के पद आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत।

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https://mdeal.in/c_cD0sm mritunjayphysio.blogspot.comhttps://www.facebook.com/profile.php?id=100008786890970 add भारत सरकार स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओ को सृदृढ़ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत राज्यों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से बहाल करने के लिए एक मानक को तय किया था जिसे आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत जाना जाता है।IPHS  देश में स्वास्थ्य देखभाल वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए परिकल्पित समान मानकों का एक समूह है  । ... राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को मजबूत करने के लिए इन आईपीएचएस दिशानिर्देशों को अपनाना चाहिए और देश भर में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।    सर्वप्रथम 2005 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुधारों हेतु लागु किया गया,2007 में सर्वप्रथम आईपीएचएच स्टैन्डर्ड को इन कार्यक्रमो...

2021 की यादें.....

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कहां से शुरू करू अपनी 2021 बीते बर्ष की दास्ताँ शुरूआत होती है फ़ेसबुक के मेरे पहले पोस्ट जो कोविड के दौरान वैक्सिनेशन से जुडा़ है पुरी दुनिया के विकसित राष्ट्रोंं ने अपने देश में कोविड से लड़न के लिए अपना टीका विकसित कर लिया था।उसी क्रम में भारत में भी टीके का आरंभ हो चुका था इसी दौरान अपने देश के प्रधान मंत्री के द्वारा 16 जनवरी से टीके का आरंभ करने की प्रक्रिया शुरू की गई,सबसे पहले टीके को संबंधित सरकारी अस्पताल के कर्मियों को देने की आता थी ,इस क्रम में मैं अपने अस्पताल का तीसरा कर्मी था टीका लेने वाला। कोविड का टीका लेकर थोड़ी सी बाद में परेशानी जरूर आई मगर ठीक ठाक रहा ,आगे लगातार अपने अस्पताल में टीकाकरण के कार्य में अगस्त 2021 तक लगा रहा इस दौरान संवर्ग के लिए उपयुक्त जो भी रहा सचिवालय से लेकर तकनीकी सेवा आयोग तक अपना योगदान देता रहा कोर्ट में उम्र के मामले को लेकर मिले विभागीय 15साल के उम्र सीमा की छुट के बाद विभागीय विज्ञापित विज्ञापन की कौंसिलिंग से लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों से लेकर ग्लोबल एशोसिएशन फांर फिजियोथेरापी बिहार शाखा के अध्यक्ष के नाते अपन...

सपनों का महल अचानक ध्वस्त हो गया..

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google.com, pub-6988826151645583, DIRECT, f08c47fec0942fa0 काफी मश्शक्त के बाद पुन: बिहार के बाहर के कालेजों के अभ्यर्थियों को पैनल तैयार कर लिस्ट बना कर मुल प्रमाणपत्रों के सत्यापन की संभावित तिथी को विभाग के द्वारा पत्र तैयार कर आदेश लेने हेतु डायेरेक्टर इन चीफ के पास भेजा गया तब तक मनोज भारती जो की सबसे अंतिम में अपनी याचिका दायर किए थे उच्चन्ययालय पटना में उनकी याचिका मिहीर झा के बेंच में चला गया और फैसले के लिए तिथी भी निधार्रित होकर हाई कोर्ट के बेबसाईट पर अपडेट हो गई।जब इस बात का पता मुझे और अन्य लोगों को चला तो विवेक ने फोन कर मुझे कहा की मनोज भारती को बोलिएउसको अपना याचिका वापस लेने के लिए,मनोज भारती जो मेरे साथ ही बक्सर में कार्यरत थे मैंने उनको विभाग का वो पत्र दिखाया जिसमें उन सभी अभ्यर्थियों को विभाग पुन:प्रमाणपत्र सत्यापन हेतु बुला रही थी जो अन्य सभी इस मामले में याचिकाकर्ता थे उसमें मनोज भारती का नाम भी शामिल था ,मनोज भारती ने फोन के माध्यम से मेरे सामने अपने एडवोकेट को मना किया और याचिका वापस लेने को कहा , उनके एडवोकेट ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया ,मैंने अपने सभी सदस्य...

फिर मंझधार में हमारी नैया फंसी रह गई।

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प्रमाणपत्रों का सत्यापन पैनल के अनुसार अभ्यर्थियों का  तयशुदा तिथी के अनुसार समपन्न हो गई,अब बात थी संबंधित पदाधिकार के दिलाएं गए वादे के अनुसार सग्रहित राशि को उपलब्ध करा जल्दी से पत्र जारी करवाने का जो अपनो की निष्क्रियता के कारण संभव नहीं लग रहा था।मैं भी चुपचाप है बैठ गया हमारे साथ वाले अन्य साथी जिसमें प्रमुखता से मधुप अजित, दिलीप बास,इत्यादि थे ये भी शांत पड़ गए।      तब तक मेरे साथ काम करने वाले मनोज भारती जो बक्सर में मेरे साथ थे मेरे से इस कांउसलिंग के संबंध में सारी जानकारी मेरे से लेकर नवीन जी से शेयर कर कोर्ट चले गए, जिसमें यही मामला था बिहार के बाहर के कालेजों से पढ़कर आए बिहार के छात्रों को भी बुलाए जाने को लेकर जो न्योचित था इसकी जानकारी जब मुझे मिली तो मैने उनको भला बुरा कहा और ये भी कहा की जब आप उनको कोर्ट के लिए सारा पेपर मेरे से लेकर दिए तो आप क्यों नहीं आवेदक बने आपको भी शामिल होना चाहिए था,कल यदि कोर्ट आदेश करेगी तो आवेदक को यदि सिर्फ शामिल करती है तो आप बाहर हो जाओगे,इस मुद्दे को लेकर तब तक कोर्ट में तीन अन्य लोगों ने भी याचिका दायर कर दिया था औ...

मुलप्रमाण पत्र सत्यापन का दिन और उसके बाद....

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सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के के आदेश पर कांऊसलिंग की तिथी निधार्रित हुई विभाग ने सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत फिजियोथेरापिस्ट एवं आंकुपेशनलथेरापिस्ट के रिक्त पदों के पर संविदा के आधार पर नियोजन हेतु राज्य स्वास्थ्य समिती के पत्रांक 19264 दिनांक 18.08.2010 द्वारा प्राप्त पैनल को पुनर्जीवित करते हुए आरक्षण रोस्टर के आधार पर फिजियोथेरापी और आंकुपेशनलथेरापी के सभी अभ्यर्थियों को मुल प्रमाणपत्र के सत्यापण हेतु दिनांक 11.10.2012 तथा 12.10.2012 को स्वास्थ्य विभाग के सभागार में बुलाया गया जिसमें कुल 65फिजियोथेरापिस्ट और 67आकुपेशनलथेरापिस्टों को बुलाया गया था जो सरकार और विभाग के तत्कालिन सयुक्त सचिव विश्वनाथ ठाकुर के आदेश पर जारी किया गया था। इस पत्र और आदेश के जारी होने के बाद हमें और हमारी टीम के सदस्यों को लगा की उनकी मेहनत रंग ला गई और हमरी कांऊसंलिंग उपरांत नियुक्ति सुनिश्चित हो जाएगी उक्त तिथी को हमारे सभी सदस्यों मेंखुशी का महौल था उक्त तिथी को शांति पुर्वक सभी सदस्यों ने अपने मुल प्रमाण पत्रों का सत्यापण करवाया अंतिम दिन जब विभाग के संबधित सेक्सन के इंचार्ज न...

जीविकोपार्जन और समानुपातिक व्यवस्था को लेकर आंकुपेशनलथेरापी और फिजियोथेरापिस्ट के पदों का बंटवारा।

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सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के सेक्शन 11जो फिजियोथेरापी, आंकुपेशनलथेरापी,मलेरिया,फलेरिया,अंधापन इत्यादि कार्यक्रम तथा संकाय को देखती है,उसी सेक्सन में हमारे संकाय फिजियोथेरापी और आंकुपेशनलथेरापी की फाईलें भी देखी जाती है,जब पहली बार राज्य स्वास्थ्य समिती ने प्रधान सचिव दीपक मिश्रा सर के निर्देश पर इस संवर्ग के विज्ञापित पदों से संबंधित सारे आवेदन विभाग को में दिया तब हमारी टीम का रिश्ता समिती के चक्कर से छुटा पहले हम लोगों के द्वारा कभी समिती तो कभी स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा कर परेशान हो चुका था अब तो कम से कम एक जगह यानि स्वास्थ्य विभाग का ही चक्कर लगाना पड़ेगा,इसी दौरान हमारे अनुमंडल स्तर के 102पद और सृजित हो चुके थे।इस में आईपीएच स्टेन्डर्ड का पालन कर फिजियोथेरापी के 102पद सृजित किए गए मगर उसमें हमारे सहकर्मी जो आंकुपेशनलथेरापिस्टों के पद आईपीएच स्टेन्डर्ड में नहीं रहने के कारण समानुपातिक व्यवस्था में पढा़ई और जीविकोपार्जन का हवाला देकर उन्हे आधे पद प्रदान कर दिए गए जिससे उन्हें 65और हमें 67 पद जो कुछ जिला अस्पतालों में थे उनको जोड़ कर हुए। अब हमारा पहला उद्देश था हमारी मेधासुची क...