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ये कैसी आज़ादी कैसी स्वतंत्रता

ये कैसी स्वन्त्रता दिवस आजादी का मतलब मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति, और इसी आवश्यकता की पूर्ति का नाम ही आजादी है। यानी जब तक हमारी आवश्यकता अधूरी है तो आजादी भी अधूरी है। यानी हम आजाद नहीं हैं। तो फिर ये जश्न कैसा? काहे का मुबारकबाद? कैसी और किसकी आजादी? 15 अगस्त 1947 को देश का बँटवारा हुआ, बँटवारे के दौरान फैलाई गयी हिंसा में करीबन 10 लाख लोग मारे गए। देश के बँटवारे को स्वतंत्रता कहा जा रहा है। बँटवारे के दस्तावेज पर खुशी-खुशी दस्तखत करने वाले देशभक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कहे जा रहे हैं। जो लोग आजादी की लड़ाई के दौरान अँग्रेजों के साथ थे आज वे जबर्दस्ती आजादी मनवाने का अभियान चला रहे हैं। जिनके ताप से डरकर अँग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा वे आज भी सरकारी दस्तावेजों में आतंकवादी कहे जा रहे हैं, जैसे भगत सिंह! यह सब भारत जैसे विश्व गुरुओं के देश में ही संभव है। यदि भगत सिंह सिर्फ अंग्रेजों को भगाना चाहते थे तो फिर सरकार के दस्तावेज में एक क्रन्तिकारी की जगह आतंकवादी क्यूँ? आधी रात को आजादी तो मिली इससे इनकार नहीं! मगर सवाल ये है कि आखिर ये आजादी किसको मिली थी? ये आजादी मुट्ठीभर लोगों क...

पोस्ट कोविड चेस्ट फिजियोथेरेपी की ये सिंपल एक्सरसाइज जो आप किसी बेहतर फिजियोथेरापिस्ट की सलाह में कर सकते हैं

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कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों और हृदय पर गंभीर असर डालता है. ऐसे में जो लोग ओमिक्रोन कोरोना वायरस या डेल्टा वायरस से गंभीर रुप से संक्रमित हो रहे हैं वो रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो मरीज कोविड के गंभीर संक्रमण से बाहर आए हैं उन्हें ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने और फेफड़ों की रिकवरी में चेस्ट फिजियोथेरेपी काफी मदद कर रही है. थेरेपी से बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं, चेस्ट फिजियोथेरेपी से मरीजों के सैचुरेशन यानि ऑक्सीजन लेवल में वृद्धि हो रही है साथ ही लंग्स की रिकवरी में भी मदद मिल रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि चेस्ट फिजियोथेरेपी से छाती के अंदर जमा बलगम और सूखापन आने की वजह से सांस लेने में होने वाली तकलीफ को ठीक किया जा सकता है. आप घर पर भी इनसे जुड़ी एक्सरसाइज कर सकते हैं. आपको शुरुआत में धीरे-धीरे ही एक्सरसाइज करनी है. जानिए कौन सी ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें और उसे करने का तरीका.  1- पर्स्ड लिप ब्रीदिंग एक्सरसाइज- इस एक्सरसाइज को करने से एयरवे को खुलने में मदद मिलती है. इसे करने का तरीका है ⦁ सबसे पहले किसी भी आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं, पीठ...

डिलीवरी से पहले और बाद में फिजियोथेरेपी क्यों फायदेमंद

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mritunjayphysio.blogspot.com ऐसी कुछ एक्सरसाइज हैं, जिन्हें महिलाएं प्रसव से पहले आसानी से कर सकती हैं. यह एक्सरसाइज महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार करने और प्रसव की प्रक्रिया से आसानी से निकलने में मदद करती है.गर्भावस्था या प्रेगनेंसी किसी भी महिला के जीवन का ऐसा समय है, जो उसे हमेशा याद रहता है. इस दौरान कई तरह की परेशानियों से उन्हें गुजरना पड़ता है, तो कई बार नए मेहमान का आगमन इसे सुखद बना देता है. प्रसव के दौरान जटिलताएं एक आम बात है. कई महिलाएं इससे पीड़ित हैं और इसके पीछे के कारण कई हो सकते हैं. गर्भावस्था के दौरान कामकाजी महिलाओं की सामान्य गलतियों के कारण जटिलताएं होती हैं, विशेष रूप से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की देखभाल नहीं करने की वजह से ऐसा होता है. कई बार काम से जुड़े तनाव और लगातार व्यस्तता की वजह से कामकाजी महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं. इसे रोकने के कई तरीके हैं, जैसे कि एक्सरसाइज करना गर्भावस्था के दौरान सही तरीके से व्यायाम करें और खुद को अधिक तनाव में रखे बिना महिलाओं को आराम से सांस लेनी चाहिए और ऐसी गति से चलना चाहिए जिस...

फिजियो आकुपेशनल की नियुक्ति

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blog बिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के विज्ञापन के पर अस्थायी मेरिट लिस्ट के उपरांत अनापत्ति प्रमाण पत्र मंगवाने का वक़्त खत्म हो गया,अब अभ्यर्थियों के दिलों की घड़कन बढ़ सी गई है फाइनल मेरिट को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दोनों संकायों के मंगवाने के बाद अब उम्मीद है बहुत ही जल्दी मेरिट लिस्ट आयोग के द्वारा प्रकाशित कर दिया जाएगा।       विज्ञापन के दौरान आयोग के द्वारा अनुभव के अंको को जोडा़ गया था वो संविदा या प्राईवेट सेक्टर का हो और उसी के आधार पर कौंसलिंग के लिए कट्स जारी कर अभ्यर्थियों को कौंसलिंग के लिए बुलाया गया,मगर अनापत्ति मंगवाने के दौरान प्राईवेट सेक्टर के अनुभव को हटा सिर्फ़ सरकारी संविदा वाले को अनुभव का अंक दिया गया,अन्य को अनुभव वाले अंक को शुन्य कर दिया गया,आयोग ने जब सबके अनुभव को जोड़ कर कौंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई उस दौरान कट्स काफी उपर गया मगर फाईनल मेरिट लिस्ट में अनुमन लगाया जा सकता है कि ये जो कट्स है नीचे आएगा।बिहार में तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा 26वर्षो बाद पहली नियमित नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के लिए इनदोनों...

जिला अस्पतालों एवम सबजिला अस्पतालों में फिजियोथेरापिस्ट एवम आंकुपेशनलथेरापिस्ट के पद आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत।

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https://mdeal.in/c_cD0sm mritunjayphysio.blogspot.comhttps://www.facebook.com/profile.php?id=100008786890970 add भारत सरकार स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओ को सृदृढ़ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत राज्यों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से बहाल करने के लिए एक मानक को तय किया था जिसे आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत जाना जाता है।IPHS  देश में स्वास्थ्य देखभाल वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए परिकल्पित समान मानकों का एक समूह है  । ... राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को मजबूत करने के लिए इन आईपीएचएस दिशानिर्देशों को अपनाना चाहिए और देश भर में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।    सर्वप्रथम 2005 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुधारों हेतु लागु किया गया,2007 में सर्वप्रथम आईपीएचएच स्टैन्डर्ड को इन कार्यक्रमो...

2021 की यादें.....

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कहां से शुरू करू अपनी 2021 बीते बर्ष की दास्ताँ शुरूआत होती है फ़ेसबुक के मेरे पहले पोस्ट जो कोविड के दौरान वैक्सिनेशन से जुडा़ है पुरी दुनिया के विकसित राष्ट्रोंं ने अपने देश में कोविड से लड़न के लिए अपना टीका विकसित कर लिया था।उसी क्रम में भारत में भी टीके का आरंभ हो चुका था इसी दौरान अपने देश के प्रधान मंत्री के द्वारा 16 जनवरी से टीके का आरंभ करने की प्रक्रिया शुरू की गई,सबसे पहले टीके को संबंधित सरकारी अस्पताल के कर्मियों को देने की आता थी ,इस क्रम में मैं अपने अस्पताल का तीसरा कर्मी था टीका लेने वाला। कोविड का टीका लेकर थोड़ी सी बाद में परेशानी जरूर आई मगर ठीक ठाक रहा ,आगे लगातार अपने अस्पताल में टीकाकरण के कार्य में अगस्त 2021 तक लगा रहा इस दौरान संवर्ग के लिए उपयुक्त जो भी रहा सचिवालय से लेकर तकनीकी सेवा आयोग तक अपना योगदान देता रहा कोर्ट में उम्र के मामले को लेकर मिले विभागीय 15साल के उम्र सीमा की छुट के बाद विभागीय विज्ञापित विज्ञापन की कौंसिलिंग से लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों से लेकर ग्लोबल एशोसिएशन फांर फिजियोथेरापी बिहार शाखा के अध्यक्ष के नाते अपन...

सपनों का महल अचानक ध्वस्त हो गया..

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google.com, pub-6988826151645583, DIRECT, f08c47fec0942fa0 काफी मश्शक्त के बाद पुन: बिहार के बाहर के कालेजों के अभ्यर्थियों को पैनल तैयार कर लिस्ट बना कर मुल प्रमाणपत्रों के सत्यापन की संभावित तिथी को विभाग के द्वारा पत्र तैयार कर आदेश लेने हेतु डायेरेक्टर इन चीफ के पास भेजा गया तब तक मनोज भारती जो की सबसे अंतिम में अपनी याचिका दायर किए थे उच्चन्ययालय पटना में उनकी याचिका मिहीर झा के बेंच में चला गया और फैसले के लिए तिथी भी निधार्रित होकर हाई कोर्ट के बेबसाईट पर अपडेट हो गई।जब इस बात का पता मुझे और अन्य लोगों को चला तो विवेक ने फोन कर मुझे कहा की मनोज भारती को बोलिएउसको अपना याचिका वापस लेने के लिए,मनोज भारती जो मेरे साथ ही बक्सर में कार्यरत थे मैंने उनको विभाग का वो पत्र दिखाया जिसमें उन सभी अभ्यर्थियों को विभाग पुन:प्रमाणपत्र सत्यापन हेतु बुला रही थी जो अन्य सभी इस मामले में याचिकाकर्ता थे उसमें मनोज भारती का नाम भी शामिल था ,मनोज भारती ने फोन के माध्यम से मेरे सामने अपने एडवोकेट को मना किया और याचिका वापस लेने को कहा , उनके एडवोकेट ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया ,मैंने अपने सभी सदस्य...