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ये कैसी आज़ादी कैसी स्वतंत्रता

ये कैसी स्वन्त्रता दिवस आजादी का मतलब मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति, और इसी आवश्यकता की पूर्ति का नाम ही आजादी है। यानी जब तक हमारी आवश्यकता अधूरी है तो आजादी भी अधूरी है। यानी हम आजाद नहीं हैं। तो फिर ये जश्न कैसा? काहे का मुबारकबाद? कैसी और किसकी आजादी? 15 अगस्त 1947 को देश का बँटवारा हुआ, बँटवारे के दौरान फैलाई गयी हिंसा में करीबन 10 लाख लोग मारे गए। देश के बँटवारे को स्वतंत्रता कहा जा रहा है। बँटवारे के दस्तावेज पर खुशी-खुशी दस्तखत करने वाले देशभक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कहे जा रहे हैं। जो लोग आजादी की लड़ाई के दौरान अँग्रेजों के साथ थे आज वे जबर्दस्ती आजादी मनवाने का अभियान चला रहे हैं। जिनके ताप से डरकर अँग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा वे आज भी सरकारी दस्तावेजों में आतंकवादी कहे जा रहे हैं, जैसे भगत सिंह! यह सब भारत जैसे विश्व गुरुओं के देश में ही संभव है। यदि भगत सिंह सिर्फ अंग्रेजों को भगाना चाहते थे तो फिर सरकार के दस्तावेज में एक क्रन्तिकारी की जगह आतंकवादी क्यूँ? आधी रात को आजादी तो मिली इससे इनकार नहीं! मगर सवाल ये है कि आखिर ये आजादी किसको मिली थी? ये आजादी मुट्ठीभर लोगों क...

पोस्ट कोविड चेस्ट फिजियोथेरेपी की ये सिंपल एक्सरसाइज जो आप किसी बेहतर फिजियोथेरापिस्ट की सलाह में कर सकते हैं

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कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों और हृदय पर गंभीर असर डालता है. ऐसे में जो लोग ओमिक्रोन कोरोना वायरस या डेल्टा वायरस से गंभीर रुप से संक्रमित हो रहे हैं वो रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो मरीज कोविड के गंभीर संक्रमण से बाहर आए हैं उन्हें ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने और फेफड़ों की रिकवरी में चेस्ट फिजियोथेरेपी काफी मदद कर रही है. थेरेपी से बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं, चेस्ट फिजियोथेरेपी से मरीजों के सैचुरेशन यानि ऑक्सीजन लेवल में वृद्धि हो रही है साथ ही लंग्स की रिकवरी में भी मदद मिल रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि चेस्ट फिजियोथेरेपी से छाती के अंदर जमा बलगम और सूखापन आने की वजह से सांस लेने में होने वाली तकलीफ को ठीक किया जा सकता है. आप घर पर भी इनसे जुड़ी एक्सरसाइज कर सकते हैं. आपको शुरुआत में धीरे-धीरे ही एक्सरसाइज करनी है. जानिए कौन सी ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें और उसे करने का तरीका.  1- पर्स्ड लिप ब्रीदिंग एक्सरसाइज- इस एक्सरसाइज को करने से एयरवे को खुलने में मदद मिलती है. इसे करने का तरीका है ⦁ सबसे पहले किसी भी आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं, पीठ...

डिलीवरी से पहले और बाद में फिजियोथेरेपी क्यों फायदेमंद

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mritunjayphysio.blogspot.com ऐसी कुछ एक्सरसाइज हैं, जिन्हें महिलाएं प्रसव से पहले आसानी से कर सकती हैं. यह एक्सरसाइज महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार करने और प्रसव की प्रक्रिया से आसानी से निकलने में मदद करती है.गर्भावस्था या प्रेगनेंसी किसी भी महिला के जीवन का ऐसा समय है, जो उसे हमेशा याद रहता है. इस दौरान कई तरह की परेशानियों से उन्हें गुजरना पड़ता है, तो कई बार नए मेहमान का आगमन इसे सुखद बना देता है. प्रसव के दौरान जटिलताएं एक आम बात है. कई महिलाएं इससे पीड़ित हैं और इसके पीछे के कारण कई हो सकते हैं. गर्भावस्था के दौरान कामकाजी महिलाओं की सामान्य गलतियों के कारण जटिलताएं होती हैं, विशेष रूप से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की देखभाल नहीं करने की वजह से ऐसा होता है. कई बार काम से जुड़े तनाव और लगातार व्यस्तता की वजह से कामकाजी महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं. इसे रोकने के कई तरीके हैं, जैसे कि एक्सरसाइज करना गर्भावस्था के दौरान सही तरीके से व्यायाम करें और खुद को अधिक तनाव में रखे बिना महिलाओं को आराम से सांस लेनी चाहिए और ऐसी गति से चलना चाहिए जिस...

फिजियो आकुपेशनल की नियुक्ति

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blog बिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के विज्ञापन के पर अस्थायी मेरिट लिस्ट के उपरांत अनापत्ति प्रमाण पत्र मंगवाने का वक़्त खत्म हो गया,अब अभ्यर्थियों के दिलों की घड़कन बढ़ सी गई है फाइनल मेरिट को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दोनों संकायों के मंगवाने के बाद अब उम्मीद है बहुत ही जल्दी मेरिट लिस्ट आयोग के द्वारा प्रकाशित कर दिया जाएगा।       विज्ञापन के दौरान आयोग के द्वारा अनुभव के अंको को जोडा़ गया था वो संविदा या प्राईवेट सेक्टर का हो और उसी के आधार पर कौंसलिंग के लिए कट्स जारी कर अभ्यर्थियों को कौंसलिंग के लिए बुलाया गया,मगर अनापत्ति मंगवाने के दौरान प्राईवेट सेक्टर के अनुभव को हटा सिर्फ़ सरकारी संविदा वाले को अनुभव का अंक दिया गया,अन्य को अनुभव वाले अंक को शुन्य कर दिया गया,आयोग ने जब सबके अनुभव को जोड़ कर कौंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई उस दौरान कट्स काफी उपर गया मगर फाईनल मेरिट लिस्ट में अनुमन लगाया जा सकता है कि ये जो कट्स है नीचे आएगा।बिहार में तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा 26वर्षो बाद पहली नियमित नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के लिए इनदोनों...

जिला अस्पतालों एवम सबजिला अस्पतालों में फिजियोथेरापिस्ट एवम आंकुपेशनलथेरापिस्ट के पद आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत।

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https://mdeal.in/c_cD0sm mritunjayphysio.blogspot.comhttps://www.facebook.com/profile.php?id=100008786890970 add भारत सरकार स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओ को सृदृढ़ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत राज्यों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से बहाल करने के लिए एक मानक को तय किया था जिसे आईपीएचएस स्टैन्डर्ड 2012 के तहत जाना जाता है।IPHS  देश में स्वास्थ्य देखभाल वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए परिकल्पित समान मानकों का एक समूह है  । ... राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को मजबूत करने के लिए इन आईपीएचएस दिशानिर्देशों को अपनाना चाहिए और देश भर में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।    सर्वप्रथम 2005 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुधारों हेतु लागु किया गया,2007 में सर्वप्रथम आईपीएचएच स्टैन्डर्ड को इन कार्यक्रमो...

2021 की यादें.....

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कहां से शुरू करू अपनी 2021 बीते बर्ष की दास्ताँ शुरूआत होती है फ़ेसबुक के मेरे पहले पोस्ट जो कोविड के दौरान वैक्सिनेशन से जुडा़ है पुरी दुनिया के विकसित राष्ट्रोंं ने अपने देश में कोविड से लड़न के लिए अपना टीका विकसित कर लिया था।उसी क्रम में भारत में भी टीके का आरंभ हो चुका था इसी दौरान अपने देश के प्रधान मंत्री के द्वारा 16 जनवरी से टीके का आरंभ करने की प्रक्रिया शुरू की गई,सबसे पहले टीके को संबंधित सरकारी अस्पताल के कर्मियों को देने की आता थी ,इस क्रम में मैं अपने अस्पताल का तीसरा कर्मी था टीका लेने वाला। कोविड का टीका लेकर थोड़ी सी बाद में परेशानी जरूर आई मगर ठीक ठाक रहा ,आगे लगातार अपने अस्पताल में टीकाकरण के कार्य में अगस्त 2021 तक लगा रहा इस दौरान संवर्ग के लिए उपयुक्त जो भी रहा सचिवालय से लेकर तकनीकी सेवा आयोग तक अपना योगदान देता रहा कोर्ट में उम्र के मामले को लेकर मिले विभागीय 15साल के उम्र सीमा की छुट के बाद विभागीय विज्ञापित विज्ञापन की कौंसिलिंग से लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों से लेकर ग्लोबल एशोसिएशन फांर फिजियोथेरापी बिहार शाखा के अध्यक्ष के नाते अपन...

सपनों का महल अचानक ध्वस्त हो गया..

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google.com, pub-6988826151645583, DIRECT, f08c47fec0942fa0 काफी मश्शक्त के बाद पुन: बिहार के बाहर के कालेजों के अभ्यर्थियों को पैनल तैयार कर लिस्ट बना कर मुल प्रमाणपत्रों के सत्यापन की संभावित तिथी को विभाग के द्वारा पत्र तैयार कर आदेश लेने हेतु डायेरेक्टर इन चीफ के पास भेजा गया तब तक मनोज भारती जो की सबसे अंतिम में अपनी याचिका दायर किए थे उच्चन्ययालय पटना में उनकी याचिका मिहीर झा के बेंच में चला गया और फैसले के लिए तिथी भी निधार्रित होकर हाई कोर्ट के बेबसाईट पर अपडेट हो गई।जब इस बात का पता मुझे और अन्य लोगों को चला तो विवेक ने फोन कर मुझे कहा की मनोज भारती को बोलिएउसको अपना याचिका वापस लेने के लिए,मनोज भारती जो मेरे साथ ही बक्सर में कार्यरत थे मैंने उनको विभाग का वो पत्र दिखाया जिसमें उन सभी अभ्यर्थियों को विभाग पुन:प्रमाणपत्र सत्यापन हेतु बुला रही थी जो अन्य सभी इस मामले में याचिकाकर्ता थे उसमें मनोज भारती का नाम भी शामिल था ,मनोज भारती ने फोन के माध्यम से मेरे सामने अपने एडवोकेट को मना किया और याचिका वापस लेने को कहा , उनके एडवोकेट ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया ,मैंने अपने सभी सदस्य...

फिर मंझधार में हमारी नैया फंसी रह गई।

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प्रमाणपत्रों का सत्यापन पैनल के अनुसार अभ्यर्थियों का  तयशुदा तिथी के अनुसार समपन्न हो गई,अब बात थी संबंधित पदाधिकार के दिलाएं गए वादे के अनुसार सग्रहित राशि को उपलब्ध करा जल्दी से पत्र जारी करवाने का जो अपनो की निष्क्रियता के कारण संभव नहीं लग रहा था।मैं भी चुपचाप है बैठ गया हमारे साथ वाले अन्य साथी जिसमें प्रमुखता से मधुप अजित, दिलीप बास,इत्यादि थे ये भी शांत पड़ गए।      तब तक मेरे साथ काम करने वाले मनोज भारती जो बक्सर में मेरे साथ थे मेरे से इस कांउसलिंग के संबंध में सारी जानकारी मेरे से लेकर नवीन जी से शेयर कर कोर्ट चले गए, जिसमें यही मामला था बिहार के बाहर के कालेजों से पढ़कर आए बिहार के छात्रों को भी बुलाए जाने को लेकर जो न्योचित था इसकी जानकारी जब मुझे मिली तो मैने उनको भला बुरा कहा और ये भी कहा की जब आप उनको कोर्ट के लिए सारा पेपर मेरे से लेकर दिए तो आप क्यों नहीं आवेदक बने आपको भी शामिल होना चाहिए था,कल यदि कोर्ट आदेश करेगी तो आवेदक को यदि सिर्फ शामिल करती है तो आप बाहर हो जाओगे,इस मुद्दे को लेकर तब तक कोर्ट में तीन अन्य लोगों ने भी याचिका दायर कर दिया था औ...

मुलप्रमाण पत्र सत्यापन का दिन और उसके बाद....

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सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के के आदेश पर कांऊसलिंग की तिथी निधार्रित हुई विभाग ने सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत फिजियोथेरापिस्ट एवं आंकुपेशनलथेरापिस्ट के रिक्त पदों के पर संविदा के आधार पर नियोजन हेतु राज्य स्वास्थ्य समिती के पत्रांक 19264 दिनांक 18.08.2010 द्वारा प्राप्त पैनल को पुनर्जीवित करते हुए आरक्षण रोस्टर के आधार पर फिजियोथेरापी और आंकुपेशनलथेरापी के सभी अभ्यर्थियों को मुल प्रमाणपत्र के सत्यापण हेतु दिनांक 11.10.2012 तथा 12.10.2012 को स्वास्थ्य विभाग के सभागार में बुलाया गया जिसमें कुल 65फिजियोथेरापिस्ट और 67आकुपेशनलथेरापिस्टों को बुलाया गया था जो सरकार और विभाग के तत्कालिन सयुक्त सचिव विश्वनाथ ठाकुर के आदेश पर जारी किया गया था। इस पत्र और आदेश के जारी होने के बाद हमें और हमारी टीम के सदस्यों को लगा की उनकी मेहनत रंग ला गई और हमरी कांऊसंलिंग उपरांत नियुक्ति सुनिश्चित हो जाएगी उक्त तिथी को हमारे सभी सदस्यों मेंखुशी का महौल था उक्त तिथी को शांति पुर्वक सभी सदस्यों ने अपने मुल प्रमाण पत्रों का सत्यापण करवाया अंतिम दिन जब विभाग के संबधित सेक्सन के इंचार्ज न...

जीविकोपार्जन और समानुपातिक व्यवस्था को लेकर आंकुपेशनलथेरापी और फिजियोथेरापिस्ट के पदों का बंटवारा।

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सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के सेक्शन 11जो फिजियोथेरापी, आंकुपेशनलथेरापी,मलेरिया,फलेरिया,अंधापन इत्यादि कार्यक्रम तथा संकाय को देखती है,उसी सेक्सन में हमारे संकाय फिजियोथेरापी और आंकुपेशनलथेरापी की फाईलें भी देखी जाती है,जब पहली बार राज्य स्वास्थ्य समिती ने प्रधान सचिव दीपक मिश्रा सर के निर्देश पर इस संवर्ग के विज्ञापित पदों से संबंधित सारे आवेदन विभाग को में दिया तब हमारी टीम का रिश्ता समिती के चक्कर से छुटा पहले हम लोगों के द्वारा कभी समिती तो कभी स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा कर परेशान हो चुका था अब तो कम से कम एक जगह यानि स्वास्थ्य विभाग का ही चक्कर लगाना पड़ेगा,इसी दौरान हमारे अनुमंडल स्तर के 102पद और सृजित हो चुके थे।इस में आईपीएच स्टेन्डर्ड का पालन कर फिजियोथेरापी के 102पद सृजित किए गए मगर उसमें हमारे सहकर्मी जो आंकुपेशनलथेरापिस्टों के पद आईपीएच स्टेन्डर्ड में नहीं रहने के कारण समानुपातिक व्यवस्था में पढा़ई और जीविकोपार्जन का हवाला देकर उन्हे आधे पद प्रदान कर दिए गए जिससे उन्हें 65और हमें 67 पद जो कुछ जिला अस्पतालों में थे उनको जोड़ कर हुए। अब हमारा पहला उद्देश था हमारी मेधासुची क...

भौतिक चिकित्सकों एवम व्यावसायिक चिकित्सकों की वेतन विसंगति दुर करे बिहार सरकार

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https://mdeal.in/c_cD0sm आज बिहार सरकार नेच भी बडग अपने यहाँ भौतिक चिकित्सा तथा व्यावसायिक चिकित्सा प्रणाली में कार्यरत चिकित्सकों के लिए लम्बी लम्बी धोषणाएँ तो कर दी है मगर आज 4 साल बीत जाने के बाद भी ये सरकारी धोषणाएँ धरातल पर नहीं उतरी,वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय नीतिश कुमार ने आज से 4वर्ष पहले विश्व फिजियोथेरापी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भौतिक चिकित्सकों एवम व्यावसायिक चिकित्सकों को मेडिकल आॅफिसर के बराबर करने की बात करी थी उसके परिपेक्ष में आज 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाई नहीं हुई,जैसा कि बिहार में फिजियोथेरापी और आॅकुपेशनलथेरापी संवर्ग को 1978 से ही गजट में शामिल किया गया है और उसे गजटेड पद माना गया है मगर बीते सरकारों से लेकर वर्तमान सरकार ने इसके क्रियान्वयन के दिशा में कोई कार्यवाही आज तक नहीं की गई।       जैसा आपको विदीत होगा कि बिहार में 1997 से पहले  फिजियोथेरापी और आॅकुपेशनलथेरापी में डिप्लोमा की पाठ्यक्रम का संचालन किया जाता था जो 1997 से निजी संस्थान में ड्रिग्री तथा राज्य के एकमात्र सरकारी फिजियोथेरापी आॅकुपेशनलथेरापी के संस्थ...

सारांश से आगे....

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अब जब हम बिहार आ ही गए तो अजित और मैं हम दोनों ने मिलकर राज्य स्वास्थ्य समिती के द्वारा विज्ञापित फिजियोथेरापी आंकुपेशनलथेरापी के अनुमण्डलीय अस्पताल तक के पदों पर संविदागत नियुक्ति हेतु आए विज्ञापन के संबंध में समिती के चक्कर लगाने लगे उससमय समिती के एक्युटिव डायरेक्टर के पी रमैया हुआ करते थे,और एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर अशोक कुमार सिंह थे ,विज्ञापन के आलोक में पता चला कि मात्र 17पद ही सृजित थे जिसमें 11पद आकुपेशनलथेरापी और 6पद फिजियोथेरापी के राज्य सरकारी के द्धारा सृजित कर दिए गए थे बाकि अन्य पदों की सृजन की प्रक्रियाधीन था जो सचिवालय में लंबित था।             पुन: राज्य स्वास्थ्य समिती ने इस विज्ञापन को पुनर्विज्ञापित करवाया 2009में उसमें फिर से अभ्यर्थियों के द्वारा आवेदन मंगवाए गे,विज्ञापन में वर्णित मेधासुची का निर्माण अंतिम वर्ष के फिजियोथेरापी के प्रतिशत के आधार पर करने की प्रक्रिया राज्य स्वास्थ्य समिती ने शुरु कर दी,इसी दौरान सचिवालय और राज्य स्वास्थ्य समिती आने जाने के क्रम में हमारी नई टीम बनी जिसमें अजित,अरशद,शशि आनंद,देवव्रत,विक्रमादित...

लगन और मेहनत रंग लाती है।

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मुझे याद है तब मैं अपने फिजियोथेरापी कालेज से पास होकर अपने एक मित्र के साथ बिहार से रेवाडी़ हरियाणा गया था उस दौरान परिवार में एक हादसा हो गया और 1सप्ताह के अंदर वापस पटना बिहार आ गया,एक महीने बाद मुझे रेवाडी़ से फोन आया और मैं फिर वापस अपने मित्र के साथ हरियाणा रेवाडी़ लौट गया जैन समाज के द्वारा बनाए गए नवनिर्मित अस्पताल भगवान महावीर अस्पताल ,रेवाडी़ के लिए।वहां जाकर बतौर फिजियोथेरापिस्ट मैं अपनी बेहतरीन सेवा देने लगा नया जोश और जुनुन ने मुझे रेवाडी़ शहर के जैन समाज का चहेता बना दिया मैंने अपनी मेहनत के बदौलत वहां अस्पताल में अपनी एक अलग पहचान बनाई,रेवाडी़ के सत्येन्द्र जैन जो उस समय के तत्कालिन  रेल मंत्री के निजी सचिव हुआ करते थे। उनके परिवार के सभी सदस्यों को फिजियोथेरापी चिकित्सा मैं ही जाकर उनके घर पर दिया करता था मेरी मेहनत और लग्न से उन सभी सदस्यो को अच्छे परिणाम मिले जो उस अस्पताल के प्रमुख थे इस कारण जैन समाज,सैनी समाज तथा वहां के अहिरवाल समाज के बीच मेरी अच्छी पकड़ हो गई थी।     अचानक बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिती के द्वारा एक विज्ञापन आया राज्य ...

फिजियोथेरापिस्टों के लिए स्वतंत्र नियामक तंत्र रहने पर ही फिजियोथेरापी संवर्ग का उचित विकास हो पाएगा।

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चिकित्सकों की कमी देश में एक प्रभावी स्वास्थ्य तंत्र की राह में बड़ी बाधा है। ऐसे में मोदी सरकार ने डेंटल और आयुष चिकित्सकों को एक ब्रिज कोर्स के साथ एलोपैथिक परामर्श का रास्ता खोला है। हालांकि एलोपैथ लॉबी ने इसका कड़ा विरोध हुआ है। वहीं देश में चिकित्सकों की उपलब्धता और आवश्यकता के आंकड़े बताते हैं कि आगामी दो दशकों में भी मानक उपलब्धता के आसार नहीं है। लोकसभा की प्राक्कलन समिति ने इस समस्या के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण अनुशंसा की थी। इसके अंतर्गत ‘फिजियोथेरेपी’ को उपचार की अहम प्रणाली के तौर पर अपनाने की बात कही थी। फिलहाल देश में इस विधा का केंद्रीय नियामक संस्थान तो बन गया जिसमें 56 तरह के अलाईड हेल्थकेयर प्रोफेशनल को शामिल किया गया है। जबकि फिजियोथेरेपी  का देश में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी तक इसकी पढ़ाई देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में होती है। प्राक्कलन समिति ने फिजियोथेरेपी को एक पूर्णत: विकसित एवं स्वतंत्र विभाग के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया था, समिति के अनुसार फिजियोथेरेपी प्रामाणिक चिकित्सा प्रणाली है जिसका उपयोग पीडियाट्रिक्स से लेकर जेरियाट्र...

बिहार तकनीकी सेवा आयोग से पुनर्विज्ञापित फिजियोथेरापिस्ट और आॅकुपेशनलथेरापिस्ट के विज्ञापन के संबंध में।

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बिहार राज्य तकनीकी सेवा़ आयोग से 25 वर्षों बाद फिजियोथेरापिस्ट और आॅकुपेशनलथेरापिस्ट की नियमित नियुक्ति का विज्ञापन पिछले वर्ष  लाॅकडाउन के पहले आया जो कतिपय उम्र संबधित विवाद के मामले के कारण कोर्ट में लंबित था,जैसा कि अन्य स्वास्थ्य विभाग के अन्य संवर्गो में नियमित नियुक्ति हेतु उम्र निधार्रण में उसके नियमित नियुक्ति के वर्ष से गणना कर उम्र सीमा में छुट का प्रावधान दिया गया था, मगर फिजियो आॅकुपेशनल की नियमित नियुक्ति में इसे दरकिनार कर दिया गया था, संबंधित संवर्ग के कर्मियों के द्वारा प्रधानसचिव से लेकर विभागीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री के पास इस संबध में कई बार अधियाचना की  गई जिसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला अंततः सवर्गकर्मियों ने इस मामले को कोर्ट ले जाने का काम किया गया इस संबध में कई लोगों के द्वारा कोर्ट में अपना पक्ष रखा गया लाॅकडाउन के कारण मामले में कोर्ट का फैसला आने में देर लगी। इस मामले में कोर्ट ने कृष्णमुरारी कुमार एवम् अन्य के मामले में फैसला दिया की संविदा पर कार्यरत लोगों की उम्र संविदा में काम करने के दौरान खत्म हो गई है इसलिए सरकार को संबधित मामले मे...

नेशनल कमीशन फाॅर अॅलाईड एण्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल बिल 2020 में फिजियोथेरापिस्टों को मिले अधिकार

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28मार्च2021फिजियोथेरापी के इतिहास में एक अहम् दिन साबित हुआ जब भारत गणराज्य के दोनों सदनों से नेशनल कमीशन फाॅर अलाईड एण्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल बिल 2020 सर्व सन्मति से पास होकर राष्ट्रपति के कानून बनकर अमल में लाया गया। इस प्रोफेशनल बिल में वैसे तो 56 कैटेगरी आती हैं, जिनके प्रोफेशनल एजुकेशन स्‍टैंडर्ड में सुधार होगा,अलाइड एंड हेल्‍थ केयर प्रोफेशनल्‍स का पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग शुरू हो जाएगा, जैसे की अन्य का हेाता है प्रैक्टिस और क्‍वालिटी ऑफ सर्विस सुधरेगी. कानून आने से देशभर में खुले हजारों मेडिकल इंस्‍टीट्यूट कंट्रोल में होंगे,ताकि उनमें आवश्‍यकत स्‍टैंडर्ड का पालन किया जा सके.          इस बिल में अहम और खास हमारे फिजियोथेरापी संवर्ग के लिए ये होगा कि जिस स्वतंत्र परीक्षण, उपचार और सलाह प्रदान करने की मांग हमारा संवर्ग पिछले कई दशकों से कर रहा था वो सब इस बिल के माध्यम से हमें मिल रहा है, आज कई दशकों की मांग जो इस संवर्ग की रही है आज इस बिल के माध्यम से हमें मिल रहा है,इसके लिए पिछले कई दशकों से हमारे संवर्ग के लोगों ने धरना प्रदर्शन तथा लोगों के बीच जा जाकर अपन...

हीमोफीलिया के मरीजों के साथ फिजियोथेरापी और आॅकुपेशनलथेरापी महत्व

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हीमोफीलिया एक बहुत ही कम होने वाला जेनेटिक (माता-पिता से बच्चों में होने वाला) रोग है। इस बीमारी में चोट लगने पर खुन का थका नहीं जम पाता जिससे खून बहता ही रहता है। हीमोफीलिया होने के कारण खून में "क्लॉटिंग फैक्टर्स" की कमी हो जाती है।   हीमोफीलिया A  - इसमें क्लॉटिंग फैक्टर 8 की कमी होती है। यह हीमोफीलिया के 80 प्रतिशत मामलों का कारण होता है। हीमोफीलिया A से ग्रस्त 70 प्रतिशत लोगों में इसका गंभीर रूप ही पाया जाता है। हीमोफीलिया B  - इसको "क्रिसमस रोग" के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में मरीज़ में क्लॉटिंग फैक्टर 9 की कमी हो जाती है।  चिकित्सकों और चिकित्सकीय देखभाल से जुड़े लोग हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को सामान्य जीवन जीने में मदद करने में सहायक है जल्दी जांच, उपचार तक पहुंच और फिजियोथेरेपी की जरूरत इनसब में प्रमुख है। फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी और फिजियोथेरेपी के जरिये हीमोफीलिया के मरीज विशेषरूप से बच्चे खून से संबंधित इस जानलेवा बीमारी से लड़ सकते हैं।जानकारी की कमी और हीमोफीलिया का इलाज नहीं हो पाने के कारण जान जाने का खत...

बिग बाॅस फेम अर्शी खान फिजियोथेरापिस्ट के साथ साथ एक बेहतर अदाकारा

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बिग बॉस सीजन-11 में अपनी अदाओं और तड़ाका जैसा अवतार दिखाने वाली अब ग्लैमरस अंदाज से तहलका मचाने वाली भोपाल की मॉडल और एक्टे्रस अर्शी खान गूगल पर भी खूब चर्चा में बनी हुई है। आपाको बता दें कि सोशल मीडिया की लिस्ट दूसरे नंबर पर हैं जबकि इस लिस्ट में पहले स्थान पर सनी लियोनी हैं।अर्शी खान एक समय पर मॉडल नहीं बल्कि तब एक डॉक्टर बनना चाहती थी। शायद कई लोग इस बात से अनजान होंगे की अर्शी के पास फिजियोथेरापी की डिग्री भी हैं। अर्शी खान एक फिजियोथेरापिस्ट हैं। उसने कई लोगों की ट्रीटमेंट भी की हैं।अर्शी ने भोपाल के जिस मेयो कॉलेज में फिजियोथेरेपी की पढ़ाई की है। उनकी जन्म तिथि 29 जुलाई 1986 है।

कोरोना को हराकर डिस्चार्ज हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जिसमें फिजियोथेरापिस्ट की अहम भुमिका रही

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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह करीब26 दिनों बाद कोरोना संक्रमण को हराकर सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। डिस्चार्ज करते समय अस्पताल के स्टाफ ने उनपर फूल बरसाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। वहीं कल्याण सिंह ने भी समस्त स्टाफ को धन्यवाद दिया। दरअसल, 83 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कोरोना बीमारी से ग्रस्त होने के कारण गत 16 सितम्बर गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे। जिनके उपचार में कई वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम लगी हुई थी।        कल्याण सिंह के लिए नियुक्त चिकिसकों के पैनल द्वारा अस्पताल में 26 दिनों के गहन निगरानी एवं उपचार जिसे एंटी वाइरल ड्रग थिरैपी, चेस्ट फिजियोथेरेपी एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से किया गया।इनके ईलाज के दौराना फिजियोथेरापी की आहम भुमिका रही, जिसके परिणाम स्वरुप वे अब स्वस्थ हैं तथा उनकी कोरोना की रिपोर्ट भी निगेटिव आ गयी है और उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन भी अब ठीक है।

बिहार में संचालित राज्य सरकार के बुनियाद केन्द्रों के माध्यम से गाँव स्तर तक फिजियोथेरापी और पुनर्वास की व्यवस्था।

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समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार द्वारा विश्व बैंक संपोषित बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सु²ढीकरण परियोजना के तहत प्रत्येक  जिले के  अनुमंडल स्तर पर एक-एक बुनियाद केंद्र की स्थापना की गई है। जहां वृद्धजनों, दिव्यांगों, विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और उनकी सामाजिक देखभाल संबंधी समस्याओं पर कई तरह की सेवाएं प्रदान की जाती हैं।      बुनियाद संजीवनी सेवा मोबाइल थेरेपी बैंक के साथ तकनीकी कान से कम सुनने की समस्या श्रवण यंत्र की सुविधा आवास संबंधी विभिन्न तरह की जांच थेरेपी तथा समस्याओं की उचित देखभाल, आंखों की जांच के बाद परामर्श व मार्गदर्शन देने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 एवं बिहार माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली 2012 के बारे में भी आवश्यक मार्गदर्शन वृद्धजन दिव्यांगजन एवं विधवाओं के ज्ञान में मनोविवाद हेतु चलचित्र वृत्तचित्र घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों की व्यवस्था समूह चर्चा और अन्य समूह विधियों का आयोजन, समाचार पत्र पत्रिका और पुस्तकों की व्यवस्था दिव्यांग जनों के लिए उनके अनुरूप खेल...